इस बजट सत्र में अरूण जेटली ने कई उत्पाद पर जीएसटी लागू की है। जिसमें महिलाओं के उपयोग में आने वाली सैनिटरी नैपकीन पर लगने वाले टैक्स के विरोध में सोशल मीडिया पर
#लहूकालगान ट्रेंड कर रहा है। बॉलीवुड की कई दिग्गज अभिनेत्रियों के अलावा कई समाजिक कर्याकर्ताओं ने इस कड़ा विरोध किया है। कई बड़ी हस्त्यिों ने वित्त मंत्री अरूण जेटली से इसे टैक्स फ्री करने की रिक्वेस्ट की है। बॉलिवुड हीरोइनों समेत तमाम महिलाएं सरकार से अपील कर रही हैं कि हमारे देश में आज भी बहुत कम महिलाएं कीमत ज्यादा होने की वजह से सैनिटरी नैपकीन इस्तेमाल नहीं कर पाती। ऐसे में इसे जीएसटी टैक्स के दायरे में लाकर आम लोगों की पहुंच से बाहर न किया जाए।
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अभिनेत्रियों ने किया ट्वीट
वित्त मंत्री अरुण जेटली को टैग कर उनसे
सैनिटरी नैपकीन को टैक्स के दायरे से बाहर रखने की अपील की है। अदिति राव
हैदरी ने ट्वीट किया, ‘अरुण जेटली जी, सैनिटरी नैपकीन हमारी जरूरत है,
लग्जरी नहीं। कृपया इन्हें जीएसटी से बाहर कर दीजिए, ताकि और ज्यादा
महिलाएं इनका इस्तेमाल कर सकें।’
उधर पद्मजा जोशी ने ट्वीट किया, ‘हम लोगों का मानना है कि पीरियड्स के
दौरान कपड़े का इस्तेमाल करना गलत है? लेकिन महिलाएं घास-फूस या उससे भी
खराब चीजें इस्तेमाल करने के लिए मजबूर हैं। कृपया सैनिटरी नैपकीन को सस्ता
कीजिए।’
जिन बॉलीवुड अभिनेत्रियों को नहीं अपनाया ससुराल ने
पिछली रिलीज फिल्म अनारकली ऑफ आरा में बेहद बोल्ड रोल करने
वाली स्वरा भास्कर ने भी इस तरह के टैक्स का विरोध किया है। इस बारे में
स्वरा ने कहा, ‘मैं अदिति राव हैदरी से पूरी तरह सहमत हूं। सरकार को
सैनिटरी नैपकीन पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह हमारी
जरूरत है, किसी तरह की विलासिता नहीं।’
बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला
गुट्टा ने इस मामले में हैरानी जताते हुए ट्वीट किया, ‘मिस्टर अरुण जेटली
यह बेहद आश्चर्यजनक है। मुझे कभी भी नहीं पता था कि सैनिटरी नैपकीन का
इस्तेमाल करना लग्जरी है। मैं हैरान हूं। इसलिए मैं आपसे रिकवेस्ट करती हूं
कि सैनिटरी नैपकीन पर टैक्स ना लगाया जाए, ताकि यह हमारे देश की महिलाओं
के लिए उपलब्ध हो सके। #लहूकालगान को ना कहिए।’
इनके लिंकअप की खबरे सुन सब हो गए सन्न!
बॉलिवुड एक्ट्रेस
लीजा रे ने फाइनैंस मिनिस्टर से सैनिटरी नैपकीन पर टैक्स नहीं लगाने की
अपील की। उन्होंने लिखा, ‘अरुण जेटली क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में
88 फीसदी महिलाएं अब भी सैनिटरी नैपकीन की बजाय कपड़े के टुकड़े, राख,
लकड़ी की छीलन और फूस इस्तेमाल करती हैं। इन पर भी टैक्स लगा दीजिए?’
वहीं
कवन दवे ने ट्वीट किया, ‘सैनिटरी नैपकीन पर तो हम पहले ही स्वच्छ भारत सेस
के तौर पर टैक्स दे रहे हैं? तो आप लहू के लगान पर डबल चार्ज लेंगे।’
इस तस्वीर में पहचानिये आज के सुपरस्टार को?
जबकि
राधिका ने ट्वीट किया, ‘सैनिटरी पैड्स पर से टैक्स हटाइए। आप यह सब इसलिए
कर रहे हैं, क्योंकि पुरुषों को इसकी जरूरत नहीं होती।’
राइटर
अद्वैता काला ने टि्वटर पर लिखा, ‘मासिक धर्म शुरू होने पर 23 फीसदी
लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं। आपको सैनिटरी नैपकीन को इतना सस्ता करना
चाहिए कि सभी उसका इस्तेमाल कर सकें।’
दिव्या भारती....एक अनसुलझी पहेली
हमारे समाज में आज भी
पीरियड्स को टैबू के रूप में देखा जाता है। सोसायटी में इस मुद्दे पर
जागरूकता लाने के मकसद से ही टि्वंकल खन्ना और अक्षय कुमार पैडमैन नाम की
फिल्म बना रहे हैं जिसके डायरेक्टर आर बाल्की होंगे। यह कोयंबटूर के रहने
वाले अरुणाचलम मुरुगनाथम की कहानी है, जिन्होंने महिलाओं के लिए लो-कॉस्ट
सैनिटरी नैपकिन बनाने वाली मशीन इजाद की थी।
आज भी इनकी खूबसूरती के कायल हैं लोग
क्या है जीएसटी
हाल
ही में लोकसभी में जीएसटी बिल पास किया है। जीएसटी के अमल में आने से
तरह-तरह के टैक्स के बजाए सिर्फ जीएसटी ही लागू होगा और पूरा देश एक बड़ा
बाजार बन जाएगा। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि, जीएसटी की 4 दरें
होंगी और इसकी अधिकतम सीमा 28 फीसदी की होगी। पहले स्लैब में खाने-पीने की
चीजें 0 फीसदी टैक्स स्लैब में आएंगी। दूसरा टैक्स स्लैब 5 फीसदी का होगा,
तीसरा स्लैब 12-18 फीसदी का होगा जबकि 28 फीसदी अधिकतम टैक्स स्लैब होगा।