पन्नीरसेल्वम बोले,धर्मयुद्ध में पहली जीत,न्याय के लिए लडते रहेंगे

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 19 अप्रैल 2017, 11:23 PM (IST)

चेन्नई। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने बुधवार को कहा कि एआईएडीएमके के प्रतिद्वंद्वी गुट के दो नेताओं वीके शशिकला तथा उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरण को पार्टी से निकाला जाना धर्मयुद्ध में उनकी पहली जीत है और अब दोनों गुट सुलह वार्ता करेंगे। दिनाकरण ने कहा है कि पार्टी में हर किसी ने उन्हें पार्टी मामलों से अलग रखने का फैसला किया है, इसलिए उन्होंने पार्टी से दूर रहने का फैसला किया।

पन्नीरसेल्वम ने कहा कि न्याय के लिए लडाई तब तक जारी रहेगी, जब तक मूल उद्देश्य की प्राçप्त नहीं हो जाती। उनकी यह टिप्पणी तमिलनाडु के वित्तमंत्री डी जयकुमार द्वारा मंगलवार रात उस घोषणा के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी नेताओं ने पार्टी की महासचिव शशिकला और उपमहासचिव दिनाकरण और उनके परिवार के अन्य सदस्यों को पार्टी से निकालने का फैसला किया है।

पन्नीरसेल्वम ने दोहराया कि एआईएडीएमके के संस्थापक व पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन तथा पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता ने पार्टी का नेतृत्व कार्यकर्ताओं के आंदोलन के रूप में किया था। जयललिता के निधन के बाद एआईएडीएमके शशिकला परिवार के हाथों में चली गई। पार्टी को उस परिवार के चंगुल से छुडाना न्याय की लडाई है। उन्होंने कहा कि अब पार्टी के दोनों गुट एक होने के लिए बातचीत करेंगे और पार्टी के सदस्यों की इच्छा के आधार पर फैसला किया जाएगा।

जयकुमार ने गुरूवार रात कहा था कि पार्टी के संचालन के लिए एक समिति गठित की जाएगी। एआईएडीएमके प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद पिछले वर्ष दिसंबर में पार्टी की महासचिव चुनी गईं शशिकला इस समय भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं। इससे पहले दिन में दिनाकरण ने कहा कि चूंकि सभी चाहते हैं कि वह पार्टी से बाहर रहें, इसलिए उन्होंने भी पार्टी से दूर रहने का फैसला किया है।

दिनाकरण ने आरोप लगाया कि राज्य के मंत्री उन्हें किसी तरह के डर के चलते पार्टी से बाहर करना चाहते हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा,किसी अज्ञात भय के चलते मंत्रियों ने यह फैसला किया है। उन्होंने कहा कि वह जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेंगे और ऎसा कोई कदम नहीं उठाएंगे, जिससे पार्टी तथा सरकार को नुकसान पहुंचे। दिनाकरण ने कहा,मुझे पार्टी या सरकार से कुछ नहीं चाहिए। उनके इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी के उप महासचिव पद पर उनकी नियुक्ति शशिकला ने की थी और उनसे बातचीत करने के बाद ही वह अपने पद से इस्तीफा देंगे। फरवरी महीने में जेल जाने से पहले शशिकला ने दिनाकरण को पार्टी के उप महासचिव के पद पर ताजपोशी की थी।

दिनाकरण ने राज्य विधानसभा का सदस्य बनने के प्रयास के तहत आरके नगर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लडने का फैसला किया, जो 15 अप्रैल को होना था। पार्टी के चुनाव चिन्ह पर एआईडीएमके के दोनों गुटों के दावे से उपजे विवाद के कारण निर्वाचन आयोग ने पार्टी के चुनाव चिन्ह दो पत्ती को जब्त कर लिया था।


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आरके नगर सीट पर उपचुनाव से कुछ दिन पहले मतदाताओं के बीच रिश्वत के रूप में भारी मात्रा में नकदी बांटे जाने की शिकायत पर आयकर विभाग ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर, उनके रिश्तेदार, कारोबारी सहयोगी, पार्टी के अधिकारियों तथा अभिनेता से राजनीतिज्ञ बने सरतकुमार के आवास पर छापेमारी की। कहा गया कि एआईएडीएमके के शशिकला गुट द्वारा आर.के.नगर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के बीच 100 करोड रूपये बांटे गए। इसके बाद निर्वाचन आयोग ने मतदान स्थगित कर दिया।

चुनाव चिन्ह पाने के लिए आयोग को रिश्वत देने की पेशकश के मामले में दिल्ली पुलिस ने दिनाकरण के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है और उनके एक सहयोगी को भारी रकम के साथ गिरफ्तार किया है। लोकसभा के उपाध्यक्ष एम थंबीदुरई ने नई दिल्ली में बुधवार को एक टेलीविजन चैनल से दिनाकरण को पार्टी का फैसला मानने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि दिनाकरण तथा शशिकला के परिवार को परेशानी हुई है, उन्होंने पार्टी के लिए काफी योगदान दिया है। (आईएएनएस)

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