पोलटेक्निक कालेज मालब बन कर तैयार ,हरी झंडी का इंतजार

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 19 अप्रैल 2017, 11:22 PM (IST)

नूंह । जिले की एक मात्र पोलटेक्निक कालेज मालब पिछले दो साल से बन कर तेयार है,लेकिन सरकार की और से हरी झंडी न मिलने से कालेज में बच्चो की पढाई शुरु नहीं हो पाई है। जिले में पोलोटेक्निक कालेज न होने से मेवात के बच्चो को दूर -दूर तक शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाना पड़ रहा है।

मेवात क्षेत्र शिक्षा के मामले में हमेशा हर सरकारके दोहरे मापदंड का शिकार रहा है। उसी का परिणाम है की पिछली सरकार में मालाब गाँव में दो करोड़ की लागत से पोलोटेक्निक कालेज के निर्माण की शुरुवात आज से चार साल पहले की गई,इस कालेज को तैयार हुए दो साल का समय हो चुका है लेकिन कालेज को सरकार की और से शुरू करने की ओप्चारिक्ताये पूरी नहीं की जा रही है। कालेज से हर साल सेंकडो भिन्न-भिन्न विषयों के छात्र इंजिनयर बन कर निकलेंगे।

आप को बता दें कि मेवात के लिए मिल का पत्थर साबित होने वाला मालाब पोलोटेक्निक कालेज को दिल्ली -अलवर नेशनल हाइवे न0 234 ए पर दस एकड़ भूमि में बनाया गया है। लेकिन वर्तमान सरकार की उपेक्षा के कारण कालेज उद्घाटन की बाट जोह रहा है।

क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक सरकार को मेवात के पिछड़े शिक्षा स्तर को बेहतर बनाने के लिए तुरंत पोलोटेक्निक कालेज का उद्घाटन कर पोलोटेक्निक की क्लास शुरू करनी चाहिए,उन्होंने कहा क़ि मेवात में वर्षो की मेहनत के बाद लडका,लडकियों का शिक्षा की रुझान बढ़ा है। आगे कहा कि मेवात में दूर दूर प्राइवेट व् सरकारी अन्य पोलटेक्निक कालेज नहीं है। इसलिए मालाब में बने पोलटेक्निक कालेज से मेवात के बच्चो का भविष्य जुडा हुवा है।मेवात के बीच बने कालेज में मेवात की बेटी भी इंजीनियर बन कर मेवात का नाम रोशन करेंगी।

इस सबंध में नूंह उपायुक्त मनीराम शर्मा ने कहा मालाब में बने पोलटेक्निक कालेज को लेकर मुख्यमंत्री ने इस सत्र में कक्षाएं चालू करने की घोषणा कर दी है। मनीराम शर्मा उपायुक्त ने कॉलेज को लेकर चंडीगढ़ पहुंच कर उच्च अधिकारी से बात की उन्होंने कहा कि पोलटेक्निक कालेज का कार्य पूरा हो चुका है इसी सत्र से कक्षाएं शुरू कर दी जाएगी। डीसी मनीराम का कहना है कि मेवात क्षेत्र टेक्नीकल एजुकेशन स्किल डब्लपमेंट में बहुत पिछड़ा हुआ है।सरकारी संस्थान के चालू होने पर और यहाँ क्वालिटी एजुकेशन में बहुत सुधार देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह कॉलेज करीब दस एकड़ भूमि में दो करोड़ से अधिक की लागत से बनकर तैयार हुआ है।

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