सतलुज-यमुना लिंक नहर के लिए प्रधानमंत्री दखल करें - रतनसिंह

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 19 अप्रैल 2017, 10:21 PM (IST)

भरतपुर। भरतपुर में गुड़गांवा कैनाल से राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी प्राप्त करने के लिये सतलुज-यमुना लिंक नहर बनना जरूरी है। जिसके लिये पंजाब सरकार दखलंदाजी दे रही है। इस दखल को दूर करने के लिये प्रधानमंत्री को पहल करनी होगी। यह बात पूर्व सांसद एवं कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष रतनसिंह ने कही।

उन्होंने बताया कि वर्ष 1984 में हुए अन्तर्राज्यीय जल समझौते के तहत भरतपुर जिले को गुड़गांवा कैनाल एवं भरतपुर फीडर के माध्यम से 1281 क्यूसेक जल उपलब्ध कराना था, लेकिन निर्धारित मात्रा से आधा जल भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा और ये जल भी वर्षाकाल में उपलब्ध कराया जाता है जब पानी की आवश्यकता नहीं होती। वर्तमान स्थिति में राजस्थान के हिस्से का पूरा पानी देने के लिये तैयार नहीं है, जिसकी मुख्य वजह है कि राज्य में पर्याप्त पानी नहीं है और इस कमी को दूर करने के लिये हरियाणा एवं पंजाब सरकार दोनों ने मिलकर 214 किमी लम्बी सतलज यमुना लिंक नहर बनाने का निर्णय लिया, जिसमें से हरियाणा सरकार ने तो अपने हिस्से की नहर बना दी, लेकिन पंजाब सरकार ने इसका निर्माण नहीं कराया बल्कि पंजाब विधानसभा में पुनः एक विधेयक पास कर किसानों की नहर बनाने के लिये अधिग्रहित की भूमि को वापिस करने का आदेश दिया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस विधेयक पर स्टे जारी कर दिया। पूर्व सांसद ने बताया कि जब तक सतलज यमुना लिंक नहर का निर्माण नहीं होता है तब तक भरतपुर जिले को बटवारे के तहत निर्धारित मात्रा का पानी मिलने वाला नहीं है। इ

स लिंक नहर को शीघ्र बनाने के लिये प्रधानमंत्री को दखल देनी होगी अन्यथा यह राजनीतिक मामला बनकर रह जायेगा। उन्होंने बताया कि गुड़गांवा कैनाल की सीकरी फीडर से सीकरी बांध को भरने के लिये जो 130 करोड़ रूपये की योजना तैयार की है, उसे राज्य सरकार द्वारा शीघ्र स्वीकृत कर देना चाहिये। इस लिफ्ट परियोजना से सीकरी बांध पूरी तरह भर जायेगा और सीकरी सहित कामां,पहाड़ी, जुरहरा, नगर सहित कई क्षेत्रों का कृषि उत्पादन बढ़कर करीब चार गुना हो जायेगा।

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