बीकानेर।
नाल ग्राम पंचायत का डाइयां गांव का राजकीय प्राथमिक विद्यालय अब पूरी तरह "सौर ऊर्जा" से जुड़ गया है। वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए इस गांव
के स्कूल में 250 वॉट क्षमता के चार सोलर पैनल लग जाने से प्रति घंटे 1800
वॉट की सौर ऊर्जा मिलने लगी है।
वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.
ए.के. गहलोत ने बताया कि जिले के किसी गांव में यह सौर ऊर्जा की एक
बहुउद्देशीय परियोजना लागू की गई हैं। इससे विद्यालय में सौर ऊर्जा चलित
पंखे, लाईट, पेयजल की आपूर्ति के लिए सोलर पंप तथा कम्प्यूटर उपकरणों का
संचालन किया जा सकता है। इसके लिए सोलर मैनेजमेन्ट यूनिट स्थापित की गई है।
इसमें दो बैट्री बैकअप भी लगाई गई है। इससे विद्यालय बिजली की आपूर्ति में
आत्मनिर्भर हो गया है।
कुलपति प्रो. गहलोत ने बताया कि विद्यालय परिसर में
75 हजार लीटर क्षमता का अन्डर ग्राउंड टैंक तैयार किया गया था जो नियमित
पेयजल आपूर्ति से जुड़ा है। इसमें सोलर पंप लगाया गया है जिसे विद्यालय की
रसोई, साफ-सफाई और पेयजल टंकियों से जोड़ा गया है। यहां स्थापित किये गए सौर
ऊर्जा तंत्र से 5-6 पंखे, बल्ब, सोलर पंप आदि का संचालन आसानी से किया जा
सकता है।
अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उल्लेखनीय है कि माननीय राज्यपाल के निर्देश पर वेटरनरी
विश्वविद्यालय द्वारा इस गांव को स्मार्ट विलेज के रूप में विकसित किया जा
रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा पंचायत के वर्तमान सामुदायिक भवन का
जीर्णोद्धार कार्य पूरा कर लिया गया जहां पर शीघ्र ही कम्प्यूटर युक्त
सूचना सेवाएं सुलभ करवाई जाएगी। विद्यालय के एक कक्ष में पुस्तकालय सेवाएं
ग्रामीणों को सुलभ करवाई गई हैं। गांव के तालाब का जीर्णोद्धार करके
वृक्षारोपण भी करवाया गया है।
कुलपति ने बताया कि डाइयां गांव में
प्रस्तावित सूचना केन्द्र का जीर्णोद्वार और विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर
लिया गया है। इस केन्द्र में कम्प्यूटर और इन्टरनेट की सुविधा के अलावा टच
स्क्रीन कियोस्क स्थापित किया जाएगा।