EVM पेपर ट्रेल मशीन (VVPAT) के लिए सरकार देगी पैसा,EC ने मांगे 3174 करोड

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 19 अप्रैल 2017, 5:09 PM (IST)

नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम को और भरोसेमंद बनाने के लिए उन पर लगाई जानी वाली वीवीपैट (वीवीपीएटी)मशीन को खरीदने के मुद्दे पर सरकार ने आज कैबिनेट की बैठक में चर्चा के बाद अहम फैसला लिया है। ये कैबिनेट के एजेंडा में था। कैबिनेट ने वीवीपैट मशीन खरीदने के लिए चुनाव आयोग को फंड देने का फैसला लिया है।

देश में कुल 16 लाख ईवीएम मशीनें लोकसभा चुनावों में इस्तेमाल होती हैं और इतनी ही वीवीपैट मशीने चाहिये जिसके लिये 3174 करोड रूपये की मांग चुनाव आयोग ने की है। इस बारे में चुनाव आयोग सरकार से कई बार पैसे की मांग कर चुका है और पिछली 22 मार्च को एक बार फिर से आयोग ने कानून मंत्री को इस बारे में चिटी लिखी थी। अगर कैबिनेट ने ये प्रस्ताव पास किया तो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों तक ईवीएम के साथ वीवीपैट लगाने की दिशा में ब़डा कदम होगा।

वीवीपैट यानी वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल एक प्रिंटर मशीन है ईवीएम की बैलेट यूनिट से जु़डी होती है। ये मशीन बैलेट यूनिट के साथ उस कक्ष में रखी जाती है जहां मतदाता गुप्त मतदान करने जाते हैं। वोटिंग के समय वीवीपैट से एक परची निकलती है जिसमें उस पार्टी और उम्मीदवार की जानकारी होती है जिसे मतदाता ने वोट डाला। वोटिंग के लिये ईवीएम का बटन दबाने के साथ वीवीपैट पर एक पारदर्शी खिडकी के जरिये मतदाता को पता चल जाता है कि उसका वोट संबंधित उम्मीदवार को चला गया है। मतगणना के वक्त अगर कोई विवाद हो तो वीवीपैट बॉक्स की पर्चियां गिनकर ईवीएम के नतीजों से मिलान किया जा सकता है।

वीवीपैट लगाना ईवीएम पर भरोसा जगाने का कदम चुनाव आयोग ने कहा है कि उसका इरादा अगले लोकसभा चुनावों तक हर ईवीएम के साथ एक वीवीपैट (वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीन लगाने का है जिससे चुनाव में गडबडी के सारे शक-सुबहे दूर होंगे। चुनाव आयोग ने 2014 के लोकसभा चुनावों के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल शुरू किया है। आयोग का इरादा 2019 तक सारी ईवीएम के साथ वीवीपैट जो़डने का है लेकिन अब तक केवल करीब 58000 वीवीपैट मशीनें ही आ पाई हैं। चुनाव आयोग ने हाल में गोवा विधानसभा चुनावों में हर बूथ पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया।

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आयोग का कहना है कि वीवीपैट मशीन हर बूथ पर लगाने के लिये उसे कुल 3174 करोड रूपये चाहिये। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है और उच्चतम न्यायालय ने 2012 में चुनाव आयोग से चरणबद्ध तरीके से हर ईवीएम के साथ वीवीपैट जोडने को कहा है। चुनाव आयोग का कहना है कि वीवीपैट के लिये केंद्र सरकार से लगातार रकम की मांग की जा रही है और अगर पूरा पैसा मिल जाये तो 30 महीने के अंदर पर्याप्त वीवीपैट मशीन आ जायेंगी।

वोटिंग का पेपर ट्रेल भी उपलब्ध रहेगा...

वीवीपैट से न केवल मतदाता को अपने वोट के सही उम्मीदवार को जाने की तसल्ली होगी बल्कि विवाद होने पर वोटिंग का पेपर ट्रेल भी उपलब्ध रहेगा। इस तरह से ईवीएम को लेकर उठाये जा रहे सवालों को पूरी तरह हल किया जा सकता है।

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