श्रीगंगानगर। जिला कलेक्टर ज्ञानाराम ने कहा कि चिकित्सा सेवाएं एक महत्वपूर्ण सेवा है, जिसमें जिले के समस्त चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध उपकरण सौ प्रतिशत उपयोगी व कार्यशील होने चाहिए। उन्होंने कहा कि उपकरण कोई छोटा या बड़ा नही होता। हर उपकरण की अपने स्थान पर उपयोगिता है। जिला कलेक्टर बुधवार को कलेक्ट्रेट सभा हॉल में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में बोल रहे थे।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जिले के चिकित्सालयों में लगभग 3 हजार उपकरण उपलब्ध है, जिनमें से 12 उपकरण खराब है, जो उपकरण खराब होता है, उसे ऑनलाइन दर्शाया जाता है। सरकार की ओर से ई-उपकरण नाम की वेबसाइट है, जिस पर उपकरणों की स्थिति दर्ज की जाति है। जिला कलेक्टर ने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोई भी उपकरण खराब न रहे। खराब होने के साथ ही ई-उपकरण बेवसाईट पर दर्ज होना चाहिए तथा राज्य सरकार की ओर से निर्धारित दिवसों में ही उपकरण ठीक होना जरूरी है।
जिले में 104 व 108 एम्बुलेंस 33 उपलब्ध है, जिनमें से 3 एम्बूलेंस खराब बताई गई। जिनमें 2 एम्बूलेंस आज ही खराब हुई है। जिला चिकित्सालय में लगभग 400 उपकरण उपलब्ध हैं। जिला चिकित्सालय की डायलेसिस मशीन को 30 अप्रैल तक कार्यशील करने के निर्देश दिए गए। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से जिले में विभिन्न स्थानों पर पेयजल के नमूने लिए गए, जिनमें से 6 नमूने अमानक पाए गए। अमानक नमूनों में 2 जनता जल योजना के तथा 4 पेयजल विभाग से संबंधित है। जिला कलेक्टर ने जिन परियोजनाओं में पेयजल अमानक पाया गया है, वहां सुपरक्लोरिनेशन करने के बाद पुन: नमूने लेने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने विभाग को निर्देशित किया कि नहरबंदी के दौरान पेयजल परियोजनाओं में उपलब्ध पानी की बचत करते हुए जलापूर्ति करें। विभाग इस बात का ध्यान रखें की कही भी पेयजल का दुरूपयोग न हों। सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत मुख्य रूप से पेयजल परियोजनाओं, चिकित्सा संस्थानों तथा विद्यालयों के विकास के लिए प्लान तैयार किया गया है। भारत पाकिस्तान सीमा से 10 किलोमीटर की दूरी तक आने वाले गांव में निर्माण व विकास के कार्य किए जाएंगे। संबंधित विभाग 10 किलोमीटर की दूरी में करवाए जाने वाले कार्य एवं शेष रह गए कार्य के प्रस्ताव तत्काल जिला प्रशासन को दें, जिससे बीएडीपी की जयपुर में होने वाली आगामी बैठक में प्रस्तावों को शामिल करवाया जा सकें।
शहर में 15-20 भैंसों के कई झुण्ड घुमते है, जिससे आम राहगीरों को बड़ी परेशानी होती है। जिला कलेक्टर ने गत दो दिन पूर्व रात्रि के 12 बजे के आस-पास इन भैंसों के झुण्ड को शहर की सडक़ों पर घुमते हुए देखा तथा इस बात को गंभीरता से लिया। जिला कलेक्टर ने नगरपरिषद आयुक्त को शहर में घूम रही भैंसों को पकडक़र भारी जुर्माना लगाने एवं स्वामी के विरूद्ध पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं। बैठक में एडीएम शहर वीरेन्द्र कुमार वर्मा, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी रचना भाटिया, नगरपरिषद आयुक्त सुनीता चौधरी, महिला बाल विकास विभाग की क्षेत्रीय उपनिदेशक ऋषिबाला माली, कृषि विभाग के उपनिदेशक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।