शिया वक्फ बोर्ड के प्रेसिडेंट वसीम रिजवी का जेल जाना तय, HC ने दी सहमति

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 19 अप्रैल 2017, 12:29 PM (IST)

इलाहाबाद। सपाराज में हनक पर बाहर घूम रहे एक और बड़ी सख्सियत का अब योगीराज में जेल जाना तय है। बार बार अपराध करने से नाराज़ इलाहाबाद हाइकोर्ट ने बाहुबली अतीक अहमद की जमानत नामंजूर करने के बाद एक और बड़ा डिसीजन लिया है। इस बार हाइकोर्ट की सख्ती शिया वक्फ बोर्ड को लेकर है। अपने एक अहम फैसले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड के प्रेसीडेंट वसीम रिजवी की गिरफ़्तारी पर रोक लगाने की अर्जी नामंजूर कर दी है। जिससे अब कभी भी रिजवी को पुलिस हिरासत में ले सकती है। मालूम हो कि यूपी के बरेली में वक्फ सम्पत्ति को लेकर रिजवी पर घोटाला करने के आरोप लगे थे।

मामले में रिजवी के विरुद्ध रिपोर्ट भी दर्ज हुई लेकिन अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए अभी तक रिजवी गिरफ़्तारी से बचते रहे हैं। पुलिस रिजवी को गिरफ्तार न करे इस बाबत रिजवी ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए इलाहाबाद हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति तरूण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति राजुल भार्गव की खंडपीठ ने गिरफ़्तारी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और याचिका ख़ारिज कर दी है।

बार-बार अपराध से नाराज
गौरतलब है की बाहुबली अतीक अहमद के मामले में भी कोर्ट ने कहा था कि अपराधी अगर बार-बार अपराध कर रहा है तो उसे जमानत नहीं दी जानी चाहिए।क्योंकि वह जमानत मिलने पर अपराध करता रहेगा। ऐसे में उसका जेल में ही रहना सही है। ताकि कानून व्यवस्था कायम हो सके। अपने इसी निर्देश को आगे बढ़ाते हुए कोर्ट ने लगातार अपराध करने के कारण रिजवी मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है।

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6 मामलो में चल रही जांच
हाइकोर्ट में जब रिजवी मामले की सुनवाई शुरू हुई तो यह बात कोर्ट के सामने आई की रिजवी लगातार आपराधिक मामलो में जुड़े हुए है। कोर्ट को बताया गया कि इससे पहले भी 6 आपराधिक मामलों की जांच सीबीसीआईडी कर रही है। पूर्व में भी यह मामला हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था तब रिजवी को माननीय न्यायालय ने समर्पण करने का समय दिया था लेक‍िन रिजवी ने समर्पण नहीं किया है। हाईकोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड के प्रेसीडेंट वसीम रिजवी पर लगे आरोपों की गंभीरता तथा कई अपराधों में लिप्तता को देखते हुए हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है।

योगी सरकार भी सख्त
अपराध पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने भी अपराधियों पर सख्त कार्यवही का मन बनाया है। यही कारण है कि मुख़्तार से लेकर, अतीक तक को जेल से बाहर आना अब किसी सपने सरीखा हो गया है। पिछले दिनों कोर्ट ने सरकार से कानून व्यवस्था पर उसकी मनसा व करवाई के लिए भी जवाब तलब किया था। सरकार ने अपने सख्त कदमों से कोर्ट को भी अवगत करा दिया है। जिसके बाद न्यायलय भी अब अपराधियों को किसी तरह की छूट देने से परहेज कर रहा है।

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