मोदी के विजयी रथ को रोकने के लिए सभी पार्टियां होंगी एकजुट !

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 16 अप्रैल 2017, 10:59 AM (IST)

लखनऊ। देश में नरेन्द्र मोदी एवं यूपी में योगी का अश्मेध रथ रोकने के लिए गैर भाजपावाद का शंखनांद हो चुका है। सूबे में एक-दूसरे का मुखर विरोध करने वाली सपा एवं बसपा अब भाजपा के खिलाफ गठबंधन पर तैयार दिख रहे हैं। अंबेडकर जयंती पर बसपा मुखिया मायावती ने भाजपा विरोधी पार्टियों से हाथ मिलाने की सहमति दे दी है। वहीं शनिवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी भाजपा के विरोध में किसी के भी साथ गठबंधन करने की बात कही है। इसका मतलब साफ है कि भाजपा से लड़ने के लिए सभी एकजुट होना चाहते हैं। 2014 के लोकसभा एवं 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचण्ड जीत देख विरोधी आश्चर्यचकित है। इन दोनों ही चुनाव में गैर भाजपा दलों का खासा नुकसान हुआ है। ऐसे वक्त की नब्ज को भांप भाजपा के खिलाफ सभी दल एकजुट होना चाहते हैं। इस गठबंधन के सहारे भाजपा को 2019 के चुनाव में रोकने की कवायद की जा रही है। इस गठबंधन में तृणमूल कांग्रेस, जनता दल (यू), राजद, वाम दल, अन्ना द्रमुक सहित कई दलों की भागीदारी सुनिश्चित करने की कवायद चल रही है।

इस गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि वह खामोश है। जबकि कांग्रेस का सभी राज्यों में एक मजबूत संगठन है। इसलिए उसे भाजपा विरोधी इस गठबंधन की अगुवाई करनी चाहिए। राजनीतिज्ञों का मानना है कि यदि क्षेत्रीय अलग-अलग चुनाव लड़े तो भाजपा को रोकना मुश्किल होगा। इसलिए 1977 एवं 1989 की तरह सभी को भाजपा के खिलाफ एकजुट होना पडेगा। तभी भाजपा का कारवा रोका जा सकता है।

सवाल यह है कि हर चुनाव में यूपी मे तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद होती है लेकिन वह बनने से पहले ही बिखर जाता है। कुछ वर्ष पूर्व बिहार में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बना था। इसमें सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को नेता भी चुना गया। लेकिन ऐन चुनाव के वक्त मुलायम सिंह यादव ने इस गठबंधन से अपना हाथ खींच लिया। नतीजा यह हुआ कि बिहार में सपा चुनाव ही नहीं लड़ी।

भाजपा विरोधी गठबंधन पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आने वाले समय में देश में जो भी गठबंधन बनेगा, समाजवादी पार्टी उसमें अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी पार्टी किसी के भी साथ गठबंधन करने के लिए तैयार है।

बसपा मुखिया मायावती ने भी अम्बेडकर जयंती पर कहा था कि भाजपा विरोधी पार्टियों से हाथ मिलाने में परहेज नहीं है। उधर जद(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार लगातार भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने की वकालत कर रहे हैं।

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात कर चुकी हैं। इसी तरह वाम दल एवं राजद सहित भाजपा विरोधी सभी दल एकजुट होने पर सहमति जता चुके हैं।

आईएएनएस

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