देश में 1 प्रतिशत लोगों के पास है 57 प्रतिशत पूंजी-बिरेंद्र सिंह

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017, 8:00 PM (IST)

हिसार। केन्द्रीय इस्पात मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के दिखाए रास्ते पर चलकर ही सामाजिक व आर्थिक विषमता की खाई को खत्म किया जा सकता है। बाबा साहेब ने देश के 600 साल के इतिहास का अध्ययन कर ऐसे संविधान का निर्माण किया, जिसमें सभी को समान अधिकार मिलने की बात कही गई है।

वे आज डा. भीमराव अम्बेडकर सभा द्वारा आयोजित डा. भीमराव अम्बेडकर की 126वीं जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब किसी विशेष समाज या जाति के मसीहा नहीं थे, बल्कि उन्होंने शोषित, गरीब व पिछड़े लोगों के उत्थान के लिए कार्य किया है और आज भी समाज को उनके सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता है। आज भीमराव अम्बेडकर की जयंती पूरे देश में सभी वर्गों के लोग मिलकर मना रहे हैं और यही समाज की ताकत है। उन्होंने कहा कि समाज को जोडऩे में सालों लगते हैं और तोडऩे में एक मिनट। हमारे आपसी सामाजिक रिश्ते-नाते ही हमारी ताकत है, जो हमें सामाजिक रूप से जोड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि 300 साल पहले औद्योगिक परिवर्तन हुआ, लेकिन इससे ज्यादा बदलाव देश के संविधान लागू होने व आजादी के 60 वर्षों में हुआ है और आगामी 6 वर्षों में इससे भी ज्यादा परिवर्तन होंगे, जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि समाज में बनी आर्थिक व सामाजिक विषमता की खाई को खत्म करके ही देश को और आगे ले जाया जा सकता है।

समाज में आर्थिक विषमता की बहुत बड़ी खाई

देश की 125 करोड़ की आबादी में से एक प्रतिशत लोगों के पास 57 प्रतिशत व 99 प्रतिशत लोगों के पास 43 प्रतिशत धन दौलत है, जोकि समाज में आर्थिक विषमता की बहुत बड़ी खाई है। इस खाई को पाटने के लिए बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के सिद्धांत शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो चलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर देश की धरती पर पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने पीएचडी की थी, इसलिए उन्होंने शिक्षा पर जोर दिया था। शिक्षा प्राप्त करके ही समृद्ध समाज की कल्पना संभव है। उन्होंने कहा कि आज के बदलते तकनीकी दौर मेंं ऐसे शिक्षा की जरूरत है, जो स्वयं का रोजगार देने में सक्षम हो।


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उन्होंने कहा कि संविधान में समाज के गरीब लोगों को शिक्षा व नौकरी के लिए आरक्षण दिया गया है। इस तकनीकी युग के आने वाले समय में सरकारी नौकरियां घट जाएंगी, परन्तु निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर बहुत अधिक बढेंगे। ऐसे में नौजवान ऐसी शिक्षा की तरफ बढें, जिससे उन्हें अपने स्वयं के रोजगार स्थापित करने में मदद मिल सके, इससे वे स्वयं तो आर्थिक रूप से मजबूत होंगे ही, दूसरों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध करवा सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी फैसले से आर्थिक रूप से सकारात्मक प्रभाव हुआ है। देश के विभिन्न बैंको मेें 15 लाख करोड़ एकत्रित हुए हैं और जैसे-जैसे बैंकों से यह करंसी निकलकर एक से दूसरे के हाथ में होते हुए पूरे देश में घुमेगी तो इससे आर्थिक क्रंाति आएगी और लोगों की ताकत बढेगी। उन्होंने कहा मैंने स्वयं राजनीति में रहकर अपनी सामर्थय अनुसार गरीब लोगों की हर संभव मदद की है। चौधरी बीरेन्द्र सिंह ने समारोह से पूर्व छात्रावास में बने हाल का उद्घान किया। उन्होंने सभा को 11 लाख रुपये की धनराशि देने व छात्रावास के सामने पड़ी जमीन दिलवाने के लिए हर संभव मदद करने का आश्वास भी दिया।

समारोह को सम्बोधित करते हुए अनुसूचित जाति वित्त निगम की चेयरपर्सन सुनीता दुग्गल ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि बाब साहेब अम्बेडकर ने महिलाओं के लिए संविधान में ऐसे अधिकार दिए, जिससे महिलाओं को समाज में सम्मान से जीने का अधिकार मिला, वहीं समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए काम किया है। समाज के दलित, दबे-कूचले लोगों की मदद की है और एक जाति विशेष जाति तक सिमित न रहकर देश के सभी लोगों के कल्याण के लिए कार्य किया है। उन्होंने कहा कि आज देश ही नहीं अपितु पूरे विश्व में बाबा साहेब के सिद्धांतों को फोलो किया जा रहा है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने तो बाबा साहेब को सिंबल ऑफ नॉलेज की संज्ञा दी है और न्यूयार्क में उनकी मूर्ति की स्थापना भी करवाई है। सभा के पदाधिकारियों ने मंत्री सहित सभी अतिथियों का शॉल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। समारोह को स्वामी रामेश्वरानंद जी, जिला महामंत्री आशा खेदड़, सभा के अध्यक्ष उदयभान चौपड़ा, पूर्व अध्यक्ष मियां सिंह, रघुबीर सिंह सूण्डा, इंद्राज भारती, बिजेन्द्र सभ्रवाल आदि ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर एसडीएम परमजीत चहल, कार्यकारी अधिकारी हुडा सुमित कुमार, मंत्री के ओएसडी उदयवीर पूनियां, योगेश सिहाग, मंदीप मलिक, कृष्ण बिश्नोई, जोगी राम खुंडिया, रोशनलाल, राजेश,खुशी राम, कुलजीत घनघस, दरियाव सिंह, ईश्वर, शंकरलाल सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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