नशे के खिलाफ अभियान : स्कूल बस ड्राइवरों को डोप टेस्ट से गुजरना होगा

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017, 7:23 PM (IST)

कपूरथला। अब स्कूल बस ड्राइवरों को डोप टेस्ट से गुजरना होगा। पंजाब पुलिस ने बच्चों की बसें चलाने वाले ड्राइवरों का डेटा ‌‌शिक्षण संस्थानों से तलब किया है। पुलिस ने ऐसा नशा सप्लाई चेन को काटने के उद्देश्य से किया है।

यही नहीं, जिले के हर निजी शिक्षण संस्थान के ड्राइवरों और अटेंडेंट का पूरा विवरण भी थाने में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिले के 15 थानों के अधीन आने वाले निजी शिक्षण संस्थानों से पूरा ब्यौरा एकत्रित करने के आदेश एसएसपी कपूरथला संदीप शर्मा द्वारा दिए गए हैं। निजी स्कूल बसों के हादसों में कमी लाने और नशा करके वाहन चलाने वालों को रोकने की तरफ जिला पुलिस ने पहलकदमी की है। जिला पुलिस ने निजी स्कूलों के प्रबधकों से ड्राइवरों का पूरा डाटा भेजने के लिए कहा है। इसके लिए जिले के थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाने के अधीन आने वाले शिक्षण संस्थानों से स्कूल बस चालकों का डाटा एकत्रित करके जिला मुख्यालय को भेजने के आदेश दिए हैं। पुलिस की ओर से शिक्षण संस्थानों से चालकों का डोप टेस्ट करवाकर जिला पुलिस को मुहैया करवाने के लिए कहा गया है। साथ ही अपने संस्थान के लेटर हेड पर संबंधित ड्राइवर के किसी भी तरह का नशा न करने का सर्टीफिकेशन भी जमा करवाना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा हर बस के ड्राइवर व अटेंडेंट की रिहायश से संबंधित तमाम विवरण भी थानों में जमा करवाना होगा। क्योंकि जिले के किसी भी थाने में निजी स्कूल बस ड्राइवरों और अटेंडेंट के शिनाख्त संबंधी किसी भी तरह की जानकारी दर्ज नहीं है।

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इससे किसी भी घटना होने पर ड्राइवर को लोकेट करना आसान रहेगा। इसलिए जिला पुलिस ने प्राथमिकता के आधार पर यह मुहिम शुरू की है। एसएसपी संदीप शर्मा ने बताया कि थाना प्रभारियों की मार्फत डेटा हासिल करने के आदेश दिए गए हैं। स्कूल प्रबंधक खुद ड्राइवरों का डोप टेस्ट करवाकर सर्टीफिकेशन और रिपोर्ट पुलिस के पास जमा करवा दें। अगर वह ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो पुलिस खुद सिविल सर्जन से संपर्क स्थापित करके डोप टेस्ट का प्रबंध करेगी। जिससे इस मुहिम को जल्द से जल्द मुकम्मल किया जा सके। उन्होंने नौनिहालों को घर से स्कूल और स्कूल से घर ले जाने वाले ड्राइवरों और अटेंडेंट की पृष्ठभूमि की जानकारी के लिए उनका पूर रिहायश का विवरण भी स्कूल प्रबंधकों से मांगा है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर कहीं कोई ड्राइवर ड्रग एडिक्ट पाया गया तो उसे किसी भी हालत में स्कूल बस नहीं चलाने दी जाएगी।

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