लघुकथा साहित्य की सशक्त विधा है : कादरी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017, 6:42 PM (IST)

बीकानेर। सखा संगम द्वारा लोक पर्व एवं साहित्य विषयक चर्चा का आयोजन किया गया। नत्थूसर बास स्थित तपसी भवन में हुए कार्यक्रम में कथाकार अशफाक कादरी की लघु कथाओं पर चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कादरी ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित अपनी लघु कथाओं का वाचन भी किया।

सखा संगम के अध्यक्ष एन.डी.रंगा की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने कहा कि अशफाक कादरी की लघुकथाओं के समग्र मनन की आवश्यकता है। कादरी की रचनाएं राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुई हैं, जिनका पुस्तक प्रकाशन आज की महत्ती आवश्यकता है। मुख्य अतिथि नगर परिषद के पूर्व सभापति चतुर्भुज व्यास ने कहा कि कादरी ने अपने लेखन के माध्यम से बीकानेर की गंगा जमुनी तहजीब को आम अवाम तक प्रसारित किया है।

समाजसेवी एडवोकेट हीरालाल हर्ष ने कहा कि आज के वातावरण में कादरी का सृजन प्रासंगिक है। श्री संगीत भारती के निदेशक डॉ. मुरारी शर्मा ने कहा कि बीकानेर की संगीत यात्रा पर शोध कार्य में कादरी का लेखन महत्वपूर्ण स्रोत है। वरिष्ठ चित्रकार मुरलीमनोहर के. माथुर ने कहा कि कादरी का लेखन चित्रात्मकता से ओत-प्रोत है। वरिष्ठ रंगकर्मी बी.एल.नवीन ने कहा कि नगर के रंगकर्म पर कादरी के आलेख कालजयी हैं। कार्यक्रम संयोजक कवि, कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि कादरी के रचनाकर्म और व्यक्तित्व में समानता है।

कादम्बिनी क्लब के अध्यक्ष डॉ. अजय जोशी ने कहा कि कादरी की स्मृतियों में कला व साहित्य का अनूठा संगम है। फिल्मकार मंजूर अली चंदवानी ने कहा कि बीकानेर की कला, साहित्य, पर्यटन पर कादरी के आलेख महत्वपूर्ण हैं। मुख्य वक्ता शायर सैयद नासिर अली जैदी ने कादरी की चार दशकीय सृजन यात्रा पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कवि, कथाकार राजाराम स्वर्णकार एवं बाबूलाल छंगाणी ने कादरी के सम्मान में काव्य रचनाएं प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम में ब्रजरतन जोशी, मंगलचंद रंगा, नागेश्वर जोशी, सुभाष जोशी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इस मौके पर अतिथियों ने कादरी का माल्यार्पण, शॉल, सम्मान पट्टिका, दुपट्टा, स्मृति चिह्न एवं सम्मान-पत्र प्रदान कर सम्मान किया गया। सखा संगम के सभापति चंद्रशेखर जोशी ने कादरी के सम्मान में प्रशस्ति पत्र का वाचन किया। अतिथियों का स्वागत कवि, कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने किया। शिक्षाविद खुशालचंद रंगा ने संस्था की तरफ से धन्यवाद ज्ञापित किया।

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