चंडीगढ़।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओऱ से कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत
सिंह सज्जन से नहीं मिलने के बयान से सियासी हलचल पैदा हो गई है। पंजाब से
लेकर कनाडा तक इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। पंजाब में विपक्षी दलों
श्ािरोमणि अकाली दल आैर आम आदमी पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर पर निशाना साधा
है। कनाडा की सरकार ने अपने मंत्रियों के संबंध में की गई टिप्पणी को
निराशाजनक करार दिया है। कनाडा ने कहा है कि ऐसी सही नहीं है।
इसलिए मना किया था मिलने से
उल्लेखनीय
है कि कैप्टन ने कहा है कि सज्जन खालिस्तान समर्थक हैं, इसलिए वह उनसे
मुलाकात नहीं करेंगे। कैप्टन ने यह बात बुधवार को एक टीवी चैनल से बातचीत
में कहा था और वीरवार को उन्होंने इसे फिर दोहराया। दूसरी ओर, भारत में
कनाडा के उच्चायोग ने कहा है कि कनाडा ने पंजाब सरकार और यहां के लोगों के
साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व दिया है। इस रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए
वह हमेशा तत्पर है।
उच्चायोग ने इस बात पर अफसोस जताया कि पंजाब के
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन
से मिलने के लिए उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री का
कनाडा जाने पर स्वागत है।
कनाडा में सरी के मेंबर ऑफ पार्लियामेंट
सुख धालीवाल ने एडमिंटन स्थित रेडियो साउथ एशिया पर कहा कि कैप्टन अमरिंदर
सिंह का बयान उलझन भरा है। वह कैप्टन का वह पूरा सम्मान करते हैं। वह एक
सुलझे हुए इंसान हैं, पर एक सुलझे हुए व्यक्ति द्वारा ऐसा बयान देना शोभा
नहीं देता।
उन्होंने कहा कि हरजीत सिंह सज्जन कनाडा व भारत में
व्यापारिक संबंध बढ़ाने और मजबूत बनाने के उद्देश्य को लेकर अगले कुछ दिनों
में भारत जाएंगे। इस दौरान वह गुरसिख होने के नाते श्री हरिमंदिर साहिब
में नतमस्तक होंगे। बता दें कि कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सज्जन का 17
अप्रैल को नई दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम है। वह 19 को अमृतसर पहुंचेंगे
और 20 अप्रैल को श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकेंगे।
कनाडा
द्वारा अपने रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन के बचाव में उतरने के बावजूद
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वीरवार को एक बार पुन: कहा कि वह
खालिस्तानियों से सहानुभूति रखने वालों से मुलाकात न करने के अपने
सैद्धांतिक रुख पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार कनाडा के मंत्री
को पूरी सुरक्षा प्रदान करेगी और यह भी सुनिश्चित करेगी कि उनके साथ
प्रोटोकॉल के अनुसार उचित व्यवहार हो।
कैप्टन ने उनके बयान की
आलोचना करने वालों को करारा जवाब देते हुए दोहराया कि सज्जन, कई अन्य
मंत्री और कनाडा के शीर्ष नेता भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के
साथ हमदर्दी रखते हैं। संवैधानिक तौर पर लोकतांत्रिक देश के रूप में भारत
अपनी बात कहने की आजादी में विश्वास करता है, मगर वह व्यक्तिगत रूप से किसी
भी खालिस्तानी समर्थक से नहीं मिलेंगे।