BJP को रोकने के लिए मायावती किसी से भी हाथ मिलाने को तैयार

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017, 1:15 PM (IST)

लखनऊ। बीएसपी सुप्रीमों मायावती बीजेपी के खिलाफ किसी से भी दल से हाथ मिलाने को तैयार है। डॉ. अम्बेडकर की 126वीं जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम मेें बोलते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी और ईवीएम से छेडछाड के खिलाफ संघर्ष के लिए बीएसपी को बीजेपी विरोधी दलों की मदद लेने में कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही मायावती ने बीजेपी पर विधानसभा चुनावों में ईवीएम से छेडाछाड का आरोप लगाया है।

मायावती ने कहा कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की 403 में से 250 सीटों पर ईवीएम से छेडछाड की। मायावती ने कहा कि जब 2007 में यूपी में बीएसपी की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ आई थी तो कई मुस्लिम एमएलए थे लेकिन हमन यूपी को कभी पाकिस्तान नहीं बनने दिया। मायावती ने कहा कि बीजेपी वाले भ्रम फैला रहे हैं कि बीएसपी को मजबूत करने के लिए उन्हें हर विधानसभा तक जाना चाहिए।

अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

मायावती ने कहा कि यह बीजेपी की साजिश है ताकि वह अन्य राज्यों में पार्टी के विस्तार पर काम न कर पाएं।

भाई को बनाया पार्टी उपाध्यक्ष:

कार्यक्रम के दौरान मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी उपाध्यक्ष बनाने का ऐलान भी किया। मायावती ने कहा कि आनंद बगैर स्वार्थ पार्टी का काम करेंगे। साथ ही मायावती ने कहा कि आनंद ना कभी सांसद बनेंगे और ना ही विधायक या मुख्यमंत्री। साथ ही उन्होनें कहा कि आनंद पार्टी को आगे ले जाने के लिए काम करेंगे।

श्मशान में सजी महफिल, बार-बालाओं ने लगाए ठुमके

बताई पढक़र भाषण देने की वजह
विपक्षी दलों की तरफ से अक्सर मायावती पर पढक़र भाषण देने के लिए निशाना साधा जाता रहा है। कार्यक्रम में मायावती ने इसकी वजह बताते हुए कहा, ‘मौखिक भाषण दूं तो जोर से बोलना पड़ता है, लेकिन डॉक्टरों ने ऐसा नहीं करने की सलाह दी है।’
दरअसल, यूपी विधानसभा चुनाव के बाद तमाम नेताओं ने विपक्षी दलों को एकजुट होने की अपील की है। विपक्षी एकता की कोशिश में नीतीश कुमार और शरद पवार दोनों क्षेत्रीय नेताओं से लगातार बात भी करते रहे हैं। अखिलेश यादव ने भी यूपी चुनाव के परिणाम आने से पहले ही जरूरत पडऩे पर मायावती से हाथ मिलाने से परहेज न करने के संकेत दे दिये थे। विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश में टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी पहल की थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ ममता बनर्जी ने मीटिंग की थी। पार्टी के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद और अहमद पटेल से ममता की मुलाकात हुई। ममता बनर्जी ने अखिलेश यादव से भी मुलाकात की थी। सूत्रों के अनुसार अखिलेश से भी उन्होंने विपक्षी एकता पर बात करते हुए मायावती से भी बात करने सुझाव रखा था।
ममता ने इससे पहले राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से भी मुलाकात की थी। नवीन पटनायक ने पहली बार दिल्ली में विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की थी। इससे पहले ममता बनर्जी ने अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात की थी। बनर्जी ने क्क चुनाव परिणाम के बाद भी विपक्षी एकता की वकालत की थी।

यहां मुस्लिम है देवी मां का पुजारी, मां की अप्रसन्नता पर पानी हो जाता है लाल