इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बवाल: आधी रात छात्रों ने रजिस्ट्रार के घर बोला धावा, पुलिस से चला हाफ गोरिल्ला युद्ध

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017, 11:47 AM (IST)

अमरीष मनीष शुक्ला, इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद अवैध छात्रो को हास्टल से निकालने का मामला तूल पकड़ चुका है। प्रशासन के सामने हजारों छात्र छात्राओ ने अपना आक्रोश व्यक्त किया। दिन में जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ तो प्रशासन ने भी कैंपस को छावनी में तब्दील कर दिया है। रात सवा 11 बजे हालात तब और खराब हुये जब यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार एनके शुक्ला के घर सैकड़ों छात्रों ने धावा बोल दिया। आधी रात तक छात्र पुलिस के साथ हाफ गोरिल्ला युद्ध करते रहे। पुलिस टीम जिस ओर घेराबंदी करती कुछ छात्र उन्हे वही उलझाये रखते। जबकि सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी दूसरे रास्ते से धावा बोलते। आधी रात के बाद मामला शांत जरूर हुआ लेकिन सुबह आंदोलन शुरू करने की सहमति पर।

रात में रजिस्ट्रार के घर धावा

हालात की बात करें तो रात 11 बजे तक तो छात्र धरने पर वहीं बैठे रहे। लेकिन सवा 11 के आसपास छात्र अचानक रजिस्ट्रार एनके शुक्ला के आवास पर घेराव करने पहुंच गये। लेकिन तब सूचना रजिस्ट्रार तक पहुंच गयी और वह घर से नौ दो ग्यारह हो गये। थोड़ी ही देर में पांच गाड़ी फोर्स ने वहां भी डेरा डाल दिया और छात्रों को आगे बढ़ने से रोक दिया। इसके बाद छात्र वहां से भी लौट आये। मामले में विश्वविद्यालय के पीआरओ प्रो. हर्ष कुमार का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेशों का अक्षरश: अनुपालन किया जायेगा। अगर छात्रों को कोई दिक्कत है तो विधिक तरीके से अपनी आपत्ति दर्ज कराएं।

सुबह से धरने पर छात्रसंघ

इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र की अगुवाई में सुबह से हजारों छात्र व छात्राओ ने कैंपस में डेरा जमाना शुरू कर दिया है । सख्ती के चलते जगह जगह सैकड़ों की संख्या में छात्र - छात्राओ को छात्रनेता संबोधित कर आंदोलन की चिंगारी फूक रहे हैं। पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह समेत हर छात्र नेता मौके को भुनाने में जुट गया है । जिससे विश्वविद्यालय के हालात अब तेजी से बिगड़ रहे हैं। कैंपस की सुरक्षा और हालात नियंत्रण के लिये दंगा नियंत्रक आरएएफ और पीएसी भी तैनात कर दी गई है।

सड़क पर हो सकता है प्रदर्शन

यूनिवर्सिटी परिसर में बहुत अधिक फोर्स आ जाने के कारण छात्र बैकफुट पर जरूर हैं। लेकिन इसके उलट वह कैंपस की जगह सड़क पर उतर सकते हैं। गौरतलब हैंं कि हॉस्टलों में वॉश आउट और फीस में बढ़ोतरी के प्रस्ताव से हजारों भड़के हजारों छात्रों ने कल हीजमकर हंगामा काटा। भारी फोर्स के चलते कुलपति का दफ्तर घेरने के में नाकाम रहे छात्रों को अब बैरियर लगाकर बलपूर्वक रोका जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदर्शन में छात्राओ की संख्या अधिक हैं और वह खुलकर प्रशासन से दो दो हाथ करने को तैयार है। फिलहाल यह रणनीति का हिस्सा भी हो सकता हैंं क्योंकि लाठीचार्ज जैसी स्थिति को पनपने में छात्राओ का चेहरा रोक सकता है।

ऐसे हैं हालात

सेंट्रल यूनिवर्सिटी में छात्र कुलपति का घेराव कर विरोध जताने पर तुले हैं और फैसला वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। छात्र केपीयूसी के सामने वाले गेट से प्रवेश करने के लिये हर संभव प्रयास कर रहे है । लेकिन पहले पुलिस फिर पीएसी आरएएफ ने चक्रव्यूह बना रखा है। बैरिकेडिंग से पहले छात्रों को बलपूर्वक रोक लिया जा रहा है। छात्र धरने पर बैठे हैं। छात्र - छात्राओं से मिलने प्रॉक्टर रामसेवक दुबे, प्रभारी एडीएम सिटी डीएस, पुलिस अफसर भी पहुचे हैं। लेकिन छात्र वीसी से मिलने अड़े हैं।

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अवैध को हटाये वॉश आउट क्योंछात्रसंघ का कहना है कि हॉस्टलों से अवैध छात्रों के हटाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन वॉश आउट नहीं होना चाहिए। फीस बढोतरी भी गलत डिसीजन है। छात्र वीसी से वार्ता करने की मांग करते रहे। लेकिन उन्हें नहीं मिलने दिया गया। इस पर छात्रों और प्रॉक्टर के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। यहां तक कि प्रॉक्टर इस्तीफा देने को तैयार हो गये ।

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