गर्मी और अंधेरे में रहना इस गांव के लिए है आम

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 12 अप्रैल 2017, 6:31 PM (IST)

भावानगर/किन्नौर। जिले की भावावैली में बिजली समस्या थमने का नाम नहीं ले रहीं है। भावावैली के 14 गांव में आए दिन अंधेरा रहना आम बात हो गई है। बीती रात भावावैली में एक बार फिर बिजली की बत्ती पूरी तरह से घुल रही। इससे दो दिन पूर्व कटगांव के नजदीक पहाडी से पत्थर गिरने के कारण बिजली की हाई टेंशन तार के टूटने के कारण भावावैली दो दिन से अधिक समय तक बिजली सेवा ठप रही थी। दो दिन बिजली सेवा बहाल रहने के बाद मंगलवार दोपहर से बिजली सेवा 24 घंटे से अधिक समय तक फिर बाधित रही। ऐसे में भावावैली के लोगों में बिजली बोर्ड के प्रति भारी रोष पनप रहा है। हैरानी इस बात कि है कि बोर्ड के मात्र दो कर्मचारी 14 गांव में 22 ट्रांसफार्मर में बिजली सेवा जिम्मा संभाले हुए है।

बताया जा रहा है कि शेरपा कालौनी के निकट बिजली लाईन में मंगलवार दोपहर बाद एंसुलेटर खराब हो गया था। जिससे भावावैली में बुधवार दोपहर 1 बजे तक बिजली सेवा बाधित रही। बोर्ड के दो कर्मचारियों को बिजली लाईन में फॉलट ढूंडने में पसीने छूट गए है। पता चला है कि भावावैली में बिजली बोर्ड ने लाईनमैन भी नहीं भेजा है। यहां ये दो कर्मचारी जान खतरे में डाल कर सेवा दे रहें है। ये दो कर्मचारी भावावैली के 14 गांवों के अलावा कंडार और साक कंडें में भी डियूटी दे रहें है। ऐसे में जब कभी किसी गांव में बिजली सेवा ठप हो जाती है तो इन्हें वहां पहुंचने में घंटों लग जाते हैं।

अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

भावावैली में बोर्ड द्वारा कई रिक्त पदों को वर्षों से नहीं भरा जा रहा है। क्षेत्र के लोगों ने बोर्ड के अधिकारियों से लेकर राजनीतिज्ञों तक इस मसले को उठाया। लेकिन किसी भी ओर से इस बारे कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। क्षेत्र में बिजली सेवा को दुरूस्त रखने में बोर्ड फेल होने लगा है। लोगों का कहना है कि बोर्ड द्वारा भावावैली में संजय और भावा संर्वधन परियोजना से करोडों रूपये कमाई की जा रही है। लेकिन यहां रिक्त पड़े पदों को वर्षों से नहीं भरा जा रहा है।
इनका कहना है ...
भावावैली में रिक्त पड़े पदों को भरने की मांग को लेकर बोर्ड को कई बार पत्र लिखा गया है। उन्होंने कहा कि यह मसला बोर्ड स्तर का है। ऐसे में बोर्ड ही कुछ कर सकता है। भावावैली में 24 घंटे से अधिक से बिजली से ठप रही।
जितेश नेगी, बोर्ड के सहायक अभियंता

यहां पति-पत्नी 5 दिनों के लिए बन जाते हैं एक दूसरे से अंजान, जानिए क्यों