नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल मानहानि केस में घिरते नजर आ रहे हैं। दिल्ली भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दिल्ली भाजपा का आरोप है कि केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली से जुडे मानहानि केस लडने के लिए केजरीवाल जनता के पैसे से अपने वकील राम जेठमलानी को फीस दी। भाजपा का कहना है कि केजरीवाल ने मानहानि केस में वकील राम जेठमलानी को फीस के जो 4 करोड रुपए का भुगतान किया, वह जनता के पैसे हैं। दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता तजिंदर पाल एस बग्गा ने सोमवार को ट्वीट कर केजरीवाल पर यह आरोप लगाया।
साथ ही उन्होनें दो दस्तावेजों की तस्वीरें भी ट्वीट की। तजिंदर पाल ने ट्वीट में जिन दस्तावेजों की फोटो पोस्ट की है, उनमें से एक जेठमलानी के प्राइवेट सचिव का पत्र है, जो केजरीवाल के सचिव को लिखा गया है। इस पत्र में लिखा है कि जेठमलानी हर सुनवाई के लिए 22 लाख रुपये लेते हैं और उनकी वकील के तौर पर नियुक्त करने की रीटेनरशिप फीस एक करोड रुपए है।
दूसरे दस्तावेज में लिखा है कि जेठमलानी की ओर से आने वाले बिल का भगुतान कर दिया जाए, उसे मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास न भेजा जाए। इस कागज पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का हस्ताक्षर है।
अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सिसोदिया ने दिसंबर में वकील राम जेठमलानी की फीस
भरने के लिए कुछ अग्रिम राशि देने को भी कहा था। हांलांकि आम आदमी पार्टी
ने बीजेपी के इन आरोपों को खारिज कर किया है।
बिल पास करने के लिए उपराज्यपाल ने सलाह मांगी:
दिल्ली
के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सीएम केजरीवाल पर दायर मानहानि का मुकदमा लड़
रहे जेठमलानी की फीस से जुडे बिलों को पास करने को लेकर सॉलीसीटर जनरल
रंजीत कुमार से सलाह मांगी है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक नोट के
उत्तर में कहा था कि इन बिलों के भुगतान के लिए उपराज्यपाल के हस्ताक्षर
जरूरी है। इस पर अनिल बैजल ने सॉलीसीटर से सलाह मांगी है।