हमारे प्रयासों से राज्य पर रिफाइनरी का वित्तीय भार दो-तिहाई घटा, शीघ्र होगा नया एमओयू : मुख्यमंत्री

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 30 मार्च 2017, 7:43 PM (IST)

जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने बाड़मेर में रिफाइनरी के लिए बिना सोच-विचार किए एमओयू किया था, जबकि हमारी सरकार ने प्रदेश के हितों के साथ कोई समझौता मंजूर नहीं किया। हमारे प्रयासों से ही एचपीसीएल को अपने पुराने प्रस्ताव को बदलना पड़ा। उन्होंने कहा कि हमारी ओर से किए गए रि-नेगोशिएशन का ही परिणाम है कि राज्य पर रिफाइनरी की स्थापना से पडऩे वाला वित्तीय भार परियोजना की लागत बढऩे के बावजूद करीब दो-तिहाई घटकर अब 20 हजार 583 करोड़ रुपए रह गया है। शीघ्र ही एचपीसीएल के नए प्रस्ताव के मुताबिक रिफाइनरी के लिए एमओयू किया जाएगा। राजे गुरुवार को विधानसभा में राजस्थान विनियोग विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दे रही थीं। मुख्यमंत्री के जवाब के बाद राजस्थान विनियोग विधेयक एवं विश्र विधेयक 2017 को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा एचपीसीएल के साथ किए गए एमओयू के मुताबिक राज्य सरकार को 15 वर्ष तक प्रतिवर्ष ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 3 हजार 736 करोड़ रुपए देने पड़ते, जो हमारे रि-नेगोशिएशन से अब मात्र 1 हजार 123 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष ही रह गया है। इस तरह अब हमारे प्रयासों से 15 वर्षों में ब्याज मुक्त ऋण के रूप में दी जाने वाली राशि 56 हजार 40 करोड़ रुपए से घटकर 16 हजार 845 करोड़ रुपए ही रह गई है। इसी प्रकार पिछली सरकार ने रिफाइनरी में 26 प्रतिशत इक्विटी के रूप में 3871 करोड़ देना तय किया था। नए प्रस्ताव में यह राशि भी घटकर 3738 करोड़ रह गई है।

एनएचएआई के माध्यम से शीघ्र पूरी करेंगे रिंग रोड

मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि केन्द्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडक़री ने जयपुर शहर की रिंग रोड परियोजना को एनएचएआई के माध्यम से शीघ्र पूर्ण करवाने पर अपनी सहमति दी है। उन्होंने कहा कि अब जमीनी स्तर पर रिंग रोड परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ेगा। राजे ने कहा कि जयपुर शहर के लिए रिंग रोड की परियोजना हमारे पूर्व कार्यकाल में बनाई गई थी। हमारी सरकार की मंशा डीपीआर बनाकर कार्य को तेजी से आगे बढ़ाने की थी, परंतु पिछली सरकार के प्रयासों में कमी के कारण रिंग रोड निर्माण के लिए कार्यादेश देने के बाद भी इस परियोजना पर समयबद्ध रूप से काम नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने पर हमने इसे प्राथमिकता पर लेते हुए परियोजना में आ रही बाधाओं को दूर किया और प्रभावित काश्तकारों को पूर्ण रूप से संतुष्ट करते हुए गति प्रदान की।

पिछली सरकार की तुलना में बढ़ाया पूंजीगत खर्च
राजे ने हाल ही सदन में प्रस्तुत सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि विरासत में मिली विषम आर्थिक स्थिति के बावजूद हमारी सरकार ने परिसंपत्तियों के सृजन पर पिछली सरकार के कार्यकाल की तुलना में अधिक पूंजीगत खर्च किया है। हमारी सरकार ने वर्ष 2015-16 तक ही पिछली सरकार के अंतिम तीन वित्तीय वर्षो की तुलना में 6 हजार 623 करोड़ रूपए अधिक पूंजीगत व्यय किया है।

विकास पर व्यय देश के औसत से अधिक




अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विकास एवं आर्थिक क्षेत्र पर व्यय का औसत देश के औसत से करीब 8 फीसदी अधिक है। प्रदेश में सामान्य श्रेणी के राज्यों की तुलना में विकास पर औसत खर्च करीब 10 प्रतिशत अधिक एवं आर्थिक क्षेत्र में खर्च करीब 16 प्रतिशत अधिक है, जो प्रदेश के लिए हमारे कमिटमेंट को दर्शाता है। उन्होंने इसकी तथ्यात्मक जानकारी सदन के पटल पर रखी।

आधुनिक, खुशहाल और मुस्कुराते राजस्थान के निर्माण का संकल्प है बजट
राजे ने कहा कि हमारी सरकार एक ऐसे राजस्थान का निर्माण कर रही है, जो अपनी गौरवशाली परंपरा और स्वाभिमान पर गर्व करते हुए आधुनिक एवं विकसित भविष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है। विकास के लिए आधुनिकता और आधुनिकता के लिए विकास जरूरी है। इसलिए हमने आधुनिकता को गांवों तक पहुंचाने का काम हाथ में लेते हुए स्मार्ट विलेज बनाने का संकल्प लिया है। आधुनिकता सिर्फ मोबाइल एवं कम्प्यूटर से जुडऩे से नहीं आती, आधुनिकता एक विचार है। इसके लिए लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारा यह बजट आधुनिक, खुशहाल और मुस्कुराते राजस्थान के निर्माण का संकल्प है।

नए राजस्थान को नए भारत से जोडऩे का प्रयास
राजे ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में प्रदेश में सर्व-समावेशी विकास के लिए हमारी सरकार ने जो कदम उठाए हैं वे नए राजस्थान को नए भारत के साथ जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार संविधान की प्रस्तावना में शामिल न्याय, समानता, स्वतंत्रता और बंधुत्व के मूलभूत सिद्धांतों के अनुरूप काम करते हुए प्रदेश के विकास के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले वित्तीय वर्ष में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के अलावा न्याय आपके द्वार अभियान, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जनकल्याण पंचायत शिविर, शहरी क्षेत्र के लिए मुख्यमंत्री शहरी जनकल्याण शिविर एवं पूरे प्रदेश में निशक्तजनों के लिए शिविर लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने जैतारण में राजकीय महाविद्यालय को स्नातकोत्तर महाविद्यालय में क्रमोन्नत करने की घोषणा भी की।

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अंत में इन पंक्तियों के साथ अपने भाषण को विराम दिया-

आओ एक नई सोच के साथ, हम आगे कदम बढ़ाएं,
हौसलों से अपने सपनों की ऊंचाइयां, छूकर दिखाएं,
आज आप और हम मिलकर, एक संकल्प लें ऐसा,
कि राजस्थान को तरक्की के शिखर पर पहुंचाएं।


यहां दीपक की लौ के रूप में आकर स्थापित हुईं मां चामुंडा