गौरीगंज कोतवाली इंचार्ज का कारनामा: कायदे-कानून ताक पर रख नाबालिग को पहुँचाया सलाखों के पीछे

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 21 मार्च 2017, 2:28 PM (IST)

अमेठी बीजेपी गवार्मेन्ट में सीएम पोस्ट पर महंत योगी आदित्यनाथ के बैठते ही शासन-प्रशासन और पुलिसिंग की सारी अफसरशाही सैल्यूट मारने पहुँच गई। योगी ने पोस्ट पर पहुँचते ही सबसे पहले पेंच कसे भी तो पुलिस के। लेकिन गौरीगंज कोतवाली इंचार्ज तो इन बड़ों से भी बड़े हैं। तभी तो सभी कायदे कानून को ताक पर रख उन्होंने नाबालिग को कोतवाली की सलाखों के पीछे पहुँचा दिया।
ये है पूरा मामलामामला अमेठी के गौरीगंज थाना क्षेत्र के गौरीगंज कस्बे का है।
यहां पर दो अलग समुदाय में मामूली बात पर विवाद हो गया था।
इस बात को लेकर किसी ने 100 डॉयल को सूचना दे दिया।
मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्ष को ले जाकर थाने के लाकअप में बन्द कर दिया।*पीडित के पिता के बयान से गौरीगंज पुलिस सवालों के घेरे में*
इस बीच पीड़ित पक्ष के पिता बजरंग जायसवाल का जो बयान है वो काफी हद तक गौरीगंज कोतवाली की पुलिसिंग को सवालों के घेरे में ले रहा है।
बजरंग जायसवाल ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि हमारा बच्चा लगभग 13 साल का है।
गर पिता की बात सही है तो बच्चा जो नाबालिग है।
बजरंग जायसवाल के मुताबिक़ इसके बारे में पुलिस को बताया भी गया।
लेकिन पुलिस मानने को तैयार नहीं है और हमारे बच्चे को लाकर लाकअप में बंद कर दिया। नाबालिग को कस्टडी में लेने का ये है रूल
जानकारों की मानें तो नाबालिग के मामले में नियम ये है कि किसी बच्चे को बिना उसके अभिभावक के थाने मे पूछताछ भी नहीं किया जा सकता है।
अगर ऐसा किया जाता है तो कानून जुर्म माना जाता है।
इस हिसाब से आम आदमी को कानून का पहाड़ा रटवाने वाली
गौरीगंज पुलिस ने पूरी तरह से कानून को खुद नहीं रटा।पुलिस अधिकारी के मुताबिक़ जारी है जाँच
उधर इस मामले मे एडिशनल एसपी राहुल राज ने बताया कि कस्बे मे कुछ बच्चो के लड़ाई के मामले की शिकायत आई थी।
इस शिकायत पर पुलिस मौके पर गई थी और लोगों को पकड़ कर लाई है।
उक्त मामले में जाँच पड़ताल और कानूनी कारवाई की जा रही है।
लेकिन नाबालिग को हिरासत में लेकर लाकअप में डाले जानें की बात पर उन्होंने बोलने से दूरी बना लिया।

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