मणिपुर:BJP का सरकार गठन का दावा,CM के लिए बीरेन सिंह को चुना

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 13 मार्च 2017, 11:07 AM (IST)

इंफाल। मणिपुर में बीजेपी के विधायकों ने सरकार बनाने के लिए उसका समर्थन देने वाले विधायकों के साथ राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। राज्य के विधानसभा चुनावों में बीजेपी भले ही दूसरे नंबर की पार्टी बनी हो लेकिन वह राज्य में पहली बार सरकार बनाने की स्थिति में आई है। भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए एन बीरेन सिंह को चुना है।

दरअसल बीजेपी को नैशनलिस्ट पीपल्स पार्टी (एनपीपी) और एलजेपी से समर्थन मिल गया है। पार्टी के महासचिव राम माधव ने 31 विधायकों के समर्थन पत्र के साथ नजमा हेपतुल्ला से मिले। मणिपुर की 60 सदस्यों वाली विधानसभा में दोनों ही प्रमुख पार्टियां 31 सीटों का जादुई आंकड़ा पार करने में नाकाम रहीं हैं। इस चुनाव में कांग्रेस 28 सीटों के साथ नंबर एक की पार्टी बनकर उभरी जबकि बीजेपी ने 21 सीटें जीतीं।

कांग्रेस और बीजेपी के अलावा एनपीपी और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) को 4-4 सीटें मिली हैं। एलजेपी, तृणमूल कांग्रेस और निर्दलीय के खाते में भी एक-एक सीट गई है।

मणिपुर में सरकार बनाने के लिए जरूरी समर्थन जुटाने में नाकाम रहने के बाद मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह का पद से इस्तीफा देना लगभग तय हो चुका है। राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने उनसे पद छोड़ने को कहा है। राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला राज्य में सरकार बनाने के लिए सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आमंत्रित कर सकती हैं। 60 विधानसभा सीटों वाले मणिपुर राज्य में भाजपा को 32 विधायकों का समर्थन मिल रहा है। बीजेपी आज मुख्यमंत्री चुन सकती है। भाजपा ने रविवार को राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। उपमुख्यमंत्री गायखंगम गंगमेई ने कहा, सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस को सरकार बनाने का पहला मौका दिया जाना चाहिए। लेकिन, भाजपा के महासचिव राम माधव, प्रह्लाद सिंह पटेल और असम के वित्त मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया कि भाजपा को 32 विधायकों का समर्थन हासिल है।

मौका खोती दिख रही है कांग्रेस...

सबसे बडा दल होने के बावजूद कांग्रेस मणिपुर सरकार बनाने का मौका खोती नजर आ रही है। 60 सदस्यों वाली मणिपुर की विधानसभा में कांग्रेस ने 28 सीटें हासिल कीं हैं जबकि भारतीय जनता पार्टी 21 सीटें जीतने में कामयाब हुई। सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए 31 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। राज्यपाल नजमा हेपतुल्लाह ने राजभवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने सबसे बडे दल के रूप में सरकार बनाने का दावा ज़रूर पेश किया है। मगर समर्थन के दावे को मजबूती से साबित करने में कामयाब नहीं हुए हैं। उनका कहना है कि अपने विधायकों की सूची के साथ साथ कांग्रेस ने नेशनल पीपल्स पार्टी के दो विधायकों के समर्थन की चिट्ठी भी दी है। हेपतुल्लाह का कहना था, कांग्रेस ने एनपीपी के दो सदस्यों के समर्थन की चिट्ठी दी तो है मगर उनके साथ उस पार्टी का कोई नहीं आया। मैंने उनसे कहा कि जिनकी चिट्ठी वो दिखा रहे हंै वो कुछ देर पहले भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के साथ व्यक्तिगत तौर पर आकर मुझसे मिले और अपने समर्थन की चिट्ठी सौंपीं। राज्यपाल का कहना है कि कांग्रेस से कहा है कि वो सभी समर्थन करने वाले विधायकों को व्यक्तिगत रूप से लेकर आएं।

चिदंबरम बोले,चुनाव चुरा रही है बीजेपी...

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भारतीय जनता पार्टी पर गोवा और मणिपुर में जनादेश के खिलाफ जाने का आरोप लगाया है। चिदंबरम ने कहा है कि जो पार्टी दूसरे नंबर पर है उसे सरकार बनाने का कोई हक नहीं है। चिदंबरम ने ट्वीट किया, एक ऎसी पार्टी जो दूसरे नंबर पर आई है उसे सरकार बनाने का कोई अधिकार नहीं है। बीजेपी गोवा और मणिपुर में चुनाव (बहुमत) चुरा रही है।

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हालांकि एनपीपी सदस्य रविवार को राज भवन में उपस्थित थे और उन्होंने कहा कि वह भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। वहीं, 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 28 सीटें हासिल कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। लिहाजा, कांग्रेस ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया है।

राज्य में पिछले 15 वर्षों से सत्ता में काबिज कांग्रेस की तरफ से उपमुख्यमंत्री जी जईखनगम ने कहा है कि हम सबसे बड़ी पार्टी हैं लिहाजा गवर्नर को हमको सरकार बनाने का मौका देना चाहिए। कांग्रेस भी दावा है कि एनपीपी के चारों विधायकों का समर्थन उन्हें प्राप्त है लेकिन जब बीजेपी ने अपने समर्थन के दावे की बात कही थी तो राज्यपाल से मिलने एनपीपी के विधायक उनके साथ गए थे। ऐसे में फिलहाल भ्रम की स्थिति उत्पन्न होना संभव है।

[ यहां परियों सी खूबसूरती के साथ नजर आती है बहादुरी]