ब्रांडेड खाद्य उत्पाद भी हो सकते हैं मिलावटी !

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 07 मार्च 2017, 1:58 PM (IST)

अभिषेक मिश्रा, लखनऊ। होली का त्यौहार नजदीक आते ही मिलावटखोर सक्रिय हो गए हैं। मिलावट में कड़ी सजा के प्रावधानों के बावजूद व्यवसायी खाने-पीने की चीजों में बेखौफ मिलावट कर रहे हैं और मंडी में मिलावटी खाद्य सामग्री खपा रहे हैं। रोकथाम के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने भी छापेमारी शुरू कर दी है। एफएसडीए की टीम ने घटिया खाद्य सामग्री की आशंका पर अंसल सिटी स्थित वॉलमार्ट, पतंजलि मेगामार्ट कपूरथला, मधानी ट्रेडर्स मोहिबुल्लापुर और एरा रोड किस्मत अली स्वीट पर छापेमारी कर कुल 22 नमूने भरे। वॉलमार्ट से पापड़, पास्ता, देशी घी, बेसन लड्डू, पतंजलि से सब्जी मसाला, शहद, हल्दी पाउडर व दूध पाउडर आदि के नमूने भरे गए। बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट व शासन ने खाद्य वस्तुओं में मिलावट को गंभीरता से लेते हुए कड़ी सजा का प्रावधान किया है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत दो साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा और 10 हजार से 20 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। लेकिन इसके बावजूद व्यवसायी मुनाफाखोरी से बाज नहीं आ रहे हैं।

विभिन्न पकवानों में इस्तेमाल होने वाले खाद्य तेल, सब्जी मसाले, बेसन, मैदा, खोया व दूध की आड़ में मोटा मुनाफा कमाने की ललक आपके सेहत पर डाका डाल सकती है। त्यौहार नजदीक आते ही मिलावटखोरी का धंधा जोर पकड़ने लगा है। इस मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से पेट संबंधी रोगों के साथ त्वचा, गले में खराबी व एलर्जी पीड़ितों की संख्या बढ़ेगी। सबसे अधिक मिलावट खुले मसालों, दूध, पनीर, खोया व खाद्य तेलों में हो रही है। मिलावटी दूध सेहत के लिए खतरा : पर्व पर बढ़ती खपत और घटती आपूर्ति के कारण सबसे ज्यादा फायदे का सौदा मिलावटी दूध होता है। जनपद में शहरी क्षेत्रों में औसतन ढाई लाख लीटर दूध की खपत है और उत्पादन सिर्फ 80 से एक लाख लीटर है। ऐसे में धंधेबाज इसमें कार्बोनेट खाने का सोडा, फार्मलीन, यूरिया व खराब मिल्क पाउडर, हैंडपंप व तालाब का गंदा पानी मिला दूध की मात्रा बढ़ाकर अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में रहते हैं।

आसानी से तैयार हो जाता है मालमुख्य अभिहीत अधिकारी एसपी सिंह के मुताबिक खाद्य तेल में राइसब्रान और बटल येलो के साथ आर्जीमोन और देशी घी में वनस्पति के साथ चर्बी और ब्यूट्रिक एसिड, वनस्पति घी में पामोलीन ऑयल, हल्दी में लेड ऑक्साइड, लेड क्रोमेट तथा पीली मीटी, लाल मिर्च में सुडान टू, सुडान थ्री और लाल रंग, धनिया में बटर येलो और ट्रटाजिन, काली मिर्च में लाइट बेरी और पपीते के बीज, पनीर में शकरकंदी, आलू व यूरिया मिला बाजार में बेचकर मोटी कमाई की जाती है। कमाई के फेर में मिलावटखोर आम आदमी के सेहत के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आते।

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