रियो डी जनेरियो। पिछले साल ब्राजीलियाई महानगर रियो डी जनेरियो में हुए ओलम्पिक खेलों की आयोजन समिति ने खेलों की मेजबानी के लिए वोट खरीदने के आरोपों से साफ इनकार किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, फ्रांस के अखबार ली मोंडे ने लिखा है कि ब्राजील के व्यवसायी आर्थर सीजर डे मेनेजेस सोआरेस फिल्हो ने तत्कालीन अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आईएएएफ) के अध्यक्ष के बेटे मासाटा डिएक को ओलम्पिक खेलों-2016 की मेजबानी के लिए 2009 में हुई वोटिंग से तीन दिन पहले 15 लाख डॉलर दिए थे।
अखबार ने दावा किया है कि मसाटा ने आईओसी के सदस्य फ्रैंकी फ्रेड्रिक को वोटिंग से पहले 300,000 डॉलर दिए थे। आईओसी के प्रवक्ता ने कहा है कि कमिशन इन दावों की जांच कर रहा है। रियो-2016 के संचार निदेशक मारियो एंड्राडा ने कहा है कि रियो ने पारदर्शिता बरतते हुए ओलम्पिक की मेजबानी हासिल की थी। उन्होंने कहा, रियो को स्वच्छ तरीके से मेजबानी मिली।
[ मनिंदर सिंह के नाम है यह रिकॉर्ड, जडेजा-कीफे भी हैं खब्बू स्पिनर]
[ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
फ्रांस द्वारा की गई जांच में आईओसी के छह सदस्यों पर उंगली उठाई गई है,
लेकिन छह सदस्य फैसले को बदलते नहीं हैं। वोट में कोई गड़बड़ी नहीं थी।
मेड्रिड ने शुरुआती चरण में जीत हासिल की थी लेकिन अंतत: रियो ने तीसरे चरण
के बाद 34 वोटों के अंतर से मेजबानी हासिल की थी। फ्रेड्रिक्स ने कहा है
कि उन्होंने अफ्रीका में एथलेटिक्स को बढ़ावा देने के लिए नगद राशि ली थी।
उन्होंने कहा, उस लेनदेन का ओलम्पिक खेलों से कोई ताल्लुक नहीं था।
उन्होंने कहा, मैं उस समय आईएएएफ बोर्ड का सदस्य नहीं था। मैंने किसी भी
नियम का उल्लंघन नहीं किया है।
(IANS)