हजारों साल पुराना राधाकृष्ण मंदिर हो रहा अनदेखी का शिकार

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 01 मार्च 2017, 2:15 PM (IST)

चंबा। वैसे तो चंबा एक ऐतिहासिक नगरी है जिसमे हज़ारों साल प्राचीन मंदिरो के साथ राजस्वी काल से चली आ रही बेश-कीमती धरोहर देखी जा सकती है पर सरकार और प्रशासन की बेरुखी के चलते अब यह सदियों पुरानी धरोहरे धीरे-धीरे समाप्त होने के कगार पर पहुंच रही है। इसका जीता-जागता उदाहरण है शहर के बीचों-बीच घने पोश क्षेत्र में एक हज़ार साल से भी प्राचीन राधाकृष्ण का मन्दिर। भले ही यह मंदिर अपनी प्राचीनता को दर्शाता हो पर आज एक हज़ार साल से भी प्राचीन राधाकृष्ण मन्दिर की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि उसकी सुध लेने वाला कोई भी नहीं।
इस ऐतिहासिक मंदिर के आगे हर समय गंदगी से भरे नगर परिषद के वाहन खडे रहते हैं। गौर करने वाली बात यह है कि कोर्ट काॅम्पलेक्स से सटा और नगर परिषद कार्यालय चंबा से इसी दूरी केवल 10 मीटर है लेकिन इसके बाद भी आस्था का यह घर सरकार और स्थानीय निवासियों की अनदेखी का शिकार हो रहा है। इतना ही नहीं, आसपास का कूड़ा करकट रेहड़ियों में लाकर इसी मन्दिर के सामने ही लोड किया जाता है। मंदिर के आगे रेत और बजरी के ढेर अक्सर लगे रहते हैं जो देख जा सकते हैं जो इस मंदिर की बदहाली की कहानी कह देते हैं। अगर यही हाल रहा तो इतिहास को संजोए इस नगरी का वर्चव देखने को तो नही मिल सकेगा सिर्फ किताबो के पन्ने ही मात्र ग्वाह होंगे।


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क्या कहना है स्थानीय निवासियों का
लोगों का कहना है कि इस प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर के आगे हर समय गंदगी से भरे नगर परिषद के वाहन खडे रहता है जिससे बदबू फैली रहती है। स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है की जो लोग मंदिर में पूजा करने नंगे पांव मन्दिर के भीतर जाते है तो गंदगी भी चली जाती हैै। इसके बाद भी सुनने वालीा कोई भी नहीं है। स्थानीय चंबा के प्रवुद्ध लोगों के साथ चंबा के सभी संगठनों के प्रमुख पदाधिकारियों ने नगर परिषद चंबा और प्रशासन से आग्रह के साथ गुहार लगाई है।

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