मुंबई। बीएमसी चुनाव के त्रिशंकु नतीजे आए तीन दिन हो गए हैं, तमाम राजनीतिक तोड-जोड के बाद भी अब तक ये साफ नहीं हो पाया है कि आखिर बीएमसी का मेयर किस पार्टी का होगा और यहां सत्ता की चाभी किसके पास होगी। कांग्रेस के कुछ नेताओं के बयान के बाद शिवसेना और कांग्रेस के गठबंधन की चर्चाएं तेज़ हो गई थी, लेकिन अब कांग्रेस पार्टी ने इस संभावित गठबंधन को लेकर बडी शर्त रख दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण ने कहा कि शिवसेना जब तक बीजेपी के साथ सत्ता में है तब तक समर्थन पर कोई विचार नहीं हो सकता। दूसरी तरफ शिवसेना के समर्थन पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कहा कि वो कांग्रेस पार्टी से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय करेगी।
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वहीं दूसरी ओर भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा
के वरिष्ठ मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि कांग्रेस महाराष्ट्र में भाजपा
सरकार को गिराना चाहती है। कांग्रेस अपना स्वार्थसिद्ध करना चाहती है इससे
भाजपा और शिवसेना दोनों को सचेत रहना चाहिए। नितिन गडकरी का यह बयान उन
समाचारों के मध्य आया है जहां कहा जा रहा है कि शिवसेना ने कांग्रेस को
डिप्टी मेयर का पद ऑफर किया है।
ज्ञातव्य है कि बीएमसी चुनाव में किसी
भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। हालांकि, शिवसेना सबसे बडी पार्टी
के तौर पर उभरी है, लेकिन दूसरे नंबर पर रही बीजेपी भी सीटों के मामले में
शिवसेना के करीब ही है। 227 सीटों वाली बीएमसी में शिवसेना को 84, बीजेपी
को 82, कांग्रेस 31, एनसीपी को 7 और एमएनएस को 7 सीटें मिली हैं। बहुमत का
आंकडा 114 होता है। अब तक जोड तोड में 4 पार्षद शिवसेना और एक पार्षद
बीजेपी के साथ जाने का एलान किया है।
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