कालेज व आयुर्वेदिक अस्पताल की भेंट चढेंगे दो हजार पेड, अढाई दशक में तैयार किया जंगल

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2017, 5:24 PM (IST)

कुल्लू(धर्मचंद यादव)। बजौरा में आयुष कालेज व आयुर्वेदिक अस्पताल भवन निर्माण के लिए करीब दो हजार हरे पेड पौधों के साथ-साथ ईदगाह और कब्रिस्तान उजड जायेंगे। इन्हें उजाडकर आयुर्वेद अस्पताल, कॉलेज और हर्बल गार्डन बनेगा। जिसके चलते ग्रामीणों ने इसका विरोध दर्ज करना आरम्भ कर दिया है। ग्रामीणों ने विरोध दर्ज करते हुए सीधे तौर पर कहा है कि वे अपने अधिकारों को छीनकर किसी भी सूरत में इसका निर्माण नहीं होने देंगे। ग्रामीणों की माने तो जंगलए ईदगाह और कब्रिस्तान को उजाडकर बनने वाला यह कैसा अस्पताल, कॉलेज और हर्बल गार्डन होगा जो लोगों के अधिकारों और हकों को छीनकर बनाया जाएगा।
बजौरा के पास हर्बल गार्डन के साथ-साथ कॉलेज और 50 बिस्तर का आयुर्वेदिक अस्पताल बनाने की योजना है लेकिन इसके निर्माण के लिए दो हजार छोटे-बडे पेड पौधे और ईदगाह व कब्रिस्तान को उजाड दिया जाएगा। युवा वन कमेटी के प्रधान सोनू बौद्ध, महेश शर्मा, चेत राम, झाबे राम आदि का कहना है कि बजौरा पंचायत की भूमि पर वन कमेटी ने करीब अढाई दशक से जंगल तैयार किया है और इस जंगल के पेडों को वे जीवन-मरण में इस्तेमाल करते हैं। जब गांव में किसी की मौत होती है तो उस दौरान एक पेड काटकर उसके स्थान पर चार पौधे रोपित करते हैं जिसके चलते इनता बडा जंगल तैयार हुआ है लेकिन अगर यह जंगल उजड जाएगा तो बहुत बडी समस्या होगी। इसलिए इस वन को किसी भी सूरत में उजडने नहीं दिया जाएगा।
बजौरा पंचायत से नहीं ली एनओसी
बजौरा पंचायत के प्रधान गोपी चंद शर्मा का कहना है कि आयुर्वेदिक अस्पताल, हर्बल गार्डन और कॉलेज बजौरा पंचायत की भूमि पर बनाया जाना है लेकिन इसके लिए साथ लगी हाट पंचायत से एनओसी ली गई है जबकि बजौरा पंचायत से इसके लिए एनओसी भी नहीं ली गई है। जिसके चलते पंचायत के लोगों ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि बजौरा पंचायत की भूमि पर बनने वाले इस अस्पताल, कॉलेज और हर्बल गार्डन बनाने के लिए दूसरी पंचायत से एनओसी लेना षड्यंत्र प्रतीत हो रहा है। पंचायत प्रधान का कहना है कि हालांकि गांव के लोगों ने इसके निर्माण का स्वागत किया है लेकिन पेड-पौधों और ईदगाह व कब्रिस्तान को उजाडकर बनाना उचित नहीं है। इस मामले में मजेदार बात तो पहलु तो यह भी है कि पिछले दिन बजौर समेत आसपास की पांच पंचायतों के प्रतिनिधियों व लोगों ने इसके पक्ष में रैली निकाल प्रसन्नता व्यक्त की है।
खाली जगह को छोडकर चुनी जगह
बजौरा पंचायत के प्रतिनिधियों और युवा वन कमेटी के सदस्यों का तर्क है कि अस्पताल, कॉलेज और हर्बल गार्डन निर्माण के लिए पंचायत में अन्य खाली जगहों को छोडकर संजय वन नामक की इस जगह का चयन किया गया। जबकि पंचायत के अन्य स्थानों पर 35 बीघा खाली स्थान पडा हुआ है जहां इसका निर्माण किया जा सकता है और उपर से हाट पंचायत से एनओसी लेकर बजौरा पंचायत की भूमि पर निर्माण करवाया जाना भी दुःखद है। उनका कहना है कि इस जगह की हदबंदी के लिए उन्होंने उपायुक्त कुल्लू को पत्र लिखा है।

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