महाराष्ट्र। बीएमसी चुनाव के नतीजों के बाद इस बार स्थिति बडी असमंजस की हो गई है। चुनाव के नतीजों से बीजेपी और शिवसेना दोनों ही पार्टियां उत्साहित हैं। गौरतलब है कि कई सालों तक बीएमसी चुनावों में एक दूसरे की सहयोगी रही बीजेपी और शिवसेना ने इस बार अलग अलग चुनाव लडा। इस चुनाव में बीजेपी को 82 सीटें मिली और शिवसेना को 84 सीटें मिली। दोनों ही पार्टियों को बहुमत नहीं मिला। दोनों में से किसी भी पार्टी को बहुमत ना मिलने से और सीटों की संख्या में भी अंतर ना होने से गणित बिगड गया है।
अब सवाल यह है कि दोनों पार्टियों में से मेयर किसका होगा। दोनों ही पार्टियों के पास इतनी सीटें नहीं है कि वो अकेले मेयर बनाने का दावा पेश कर सकें। ऐसे में बहुमत के लिए गठबंधन ही एक रास्ता बचता है लेकिन क्या बीजेपी और शिवसेना फिर से गठबंधन के लिए राजी होंगी या नहीं।
गौरतलब है कि बहुमत साबित करने के लिए 114 सीटें चाहिए। ज्ञातव्य है कि मुंबई महानगरपालिका के नतीजों में 227 सीटों में से बीजेपी को 82 सीटें मिली, शिवसेना पहले नंबर की पार्टी 84 सीटों के साथ, कांग्रेस को 31, एनसीपी को 9, एमएनएस को 7 और अन्य के खाते में 14 सीटें हैं।
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गठबंधन ही रास्ता:
दोनों पार्टियों में से किसी को भी बहुमत ना
मिलने से अब दोनों पार्टियों के लिए गठबंधन का ही रास्ता बचा है। हांलाकि
इस पर अभी सस्पेंस है कि बीजेपी और शिवसेना फिर से हाथ मिलाएंगी या फिर
किसी अन्स पार्टी से गठबंधन करेंगी। इस बीच उद्धव ठाकरे ने कहा है कि मेयर
तो शिवसेना का ही बनेगा।
कौन बनेगा मेयर:
बीएमसी
चुनावों में बीजेपी और शिवसेना को को बहुमत ना मिलने से दोनों ही पार्टियां
मेयर का दावा नहीं ठोक सकती। बीजेपी को अपना बहुमत सिद्ध करने के लिए 32
और सीटों की जरूरत है तो शिवसेना को 30 सीटें और चाहिए। अब सवाल यह है कि
अगर बीजेपी और शिवसेना फिर से एक नहीं होती है तो किससे हाथ मिलाएंगी।
ज्ञातव्य है कि इस चुनाव में कांग्रेस को 31 सीटें मिली हैं लेकिन दोनों ही
पार्टियों के कांग्रेस से हाथ मिलाने की संभावना कम है। ऐसे में अब सारा
दारोमदार एनसीपी के 9, एमएनएस के 7 और 14 अन्य पर होगा।