तांबा लूट मामले में 8 गिरफ्तार, माल बरामद

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 23 फ़रवरी 2017, 5:37 PM (IST)

शिमला। शिमला पुलिस ने मल्याणा इलाके में राज्य बिजली बोर्ड के गोदाम से लाखों का तांबा लूटने के लिए 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इनके पास से लूटा गए 38 क्विंटल करीब तांबा भी बरामद कर लिया है। लूट के लिए इस्तेमाल चार वाहन भी पुलिस ने कब्जे में ले लिए हैं। इस वारदात को सुलझाने के लिए पुलिस की तीन विशेष टीमों के 9 सदस्यों ने शिमला-मंडी राजमार्ग में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच कर आखिरकार आरोपियों को खोज निकाला। शिमला के एएसपी भजन नेगी ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आठों आरोपियों के नाम राजेंद्र, विकी, शेर सिंह, मोहम्मद अली, विजय कुमार, विकास उर्फ सोनू, गुगलू और चांद कुमार शामिल हैं। चांद कुमार सोलन के धर्मपुर का निवासी है, जबकि अन्य 7 डकैत मंडी जिले के बल्ह के मलथेड और ब्यूली के निवासी हैं।
लूट के लिए इन्होंने अपने निजी वाहन इस्तेमाल किए थे। यह सभी हाईटैक डकैत थे और पूर्व में भी लूट की कई वारदातों को अंजाम दे चुके थे। उन्होंने बताया कि जिले में हुई अब तक की यह सबसे बड़ी डकैती थी और पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मामले को सुुलझाया। एसएचओ ढली बाबू राम, एसआई हीरी चंद नेगी और एसआई दीपके के नेतृत्व में टीमों ने काफी मशक्कत के बाद इन आठों को गिरफ्तार कर लिया है। 7 आरोपी बंगाल और 1 मुस्लिम मूल का है। लूट का सामान मंडी के बल्ह क्षेत्र के मलथेड और ब्यूली में बरामद हुआ है। सात डकैत भी इन्हीं क्षेत्रों से है, जबकि एक सोलन जिले के धर्मपुर का निवासी है। आरोपियों ने अपनी निजी गाडि़यों को लूट के लिए इस्तेमाल किया है। दो आरोपी जीजा-साले हैं।
एएसपी भजन नेगी ने आज यहां एक पत्रकार वार्ता में बताया कि डकैती के मामले को पुलिस ने तीन दिन के अंदर सुलझा लिया है। डकैतों सहित लूट का सारा माल भी बरामद कर लिया गया है। लूट को अंजाम देने वाले डकैतों में राजेंद्र, विकी, शेर सिंह, मोहम्मद अली, विजय कुमार, विकास उर्फ सोनू, गुगलू और चांद कुमार शामिल हैं। चांद कुमार सोलन के धर्मपुर का निवासी है, जबकि अन्य 7 डकैत मंडी के बल्ह के मलथेड और ब्यूली के रहने वाले हैं। राजेंद्र और चांद जीजा-साले हैं। भजन नेगी ने बताया कि जिले में हुई अब तक की यह सबसे बड़ी डकैती थी और पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मामले को सुुलझाया। इसके लिए एसएचओ ढली बाबू राम, एसआई हीरी चंद नेगी और एसआई दीपके के नेतृत्व में तीन टीमें गठित की गईं थी।
उन्होंने कहा कि बदमाशों को पकड़ने में सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मददगार हुई। आरोपियों के वाहन सबसे पहले मल्याणा पुलिस चौकी में दिखे। इसके बाद न्यू शिमला महिला थाने में दिखे। शोघी बैरियर की सीसीटीवी में यह नहीं दिखे लेकिन शिमला-मण्डी राजमार्ग में चमाकड़ी के पास फुटेज में वाहन नजर आए। लिहाजा तीनों टीमें इसी ओर बदमाशों को पकड़ने की कारवाई में जुट गई। घाघस के आगे मंडी जाने वाले सड़क मार्ग पर डकैतों के वाहनों की लोकेशन सीसीटीवी फुटेज से मिली। जांच टीमों के 9 सदस्यों ने मंडी के बल्ह में ब्योली के पास सबसे पहले बोलेरो को काबू किया। इसके चालक से पूछताछ में सारी परतें खुलती गईं। डकैतों ने लूट के तांबे को एक कैंटर में लोड कर दिया था और रददी रखकर इसे ढक दिया था। तांबा की बाकी खेप इसी इलाके के जंगल से बरामद हुई है।
एएसपी ने बताया कि डकैत हाईटैक थे और पूर्व में भी इनके कई वारदातों में संलिप्तता सामने आ रही है। लिहाजा इन्हें पकड़ना एक बहुत बड़ी चुनौती थी। बालेरो को ये डकैत पुलिस नाकाबंदी जानने के लिए इस्तेमाल करते थे और फिर पीछे के वाहनों में आ रहे सहयोगी डकैतों को अलर्ट करते थे। उन्होंने बताया कि अगर जिलों के एंटरी व एग्जिट प्वांइटों पर एनपीआर कैमरे लगे होते, तो डकैत जल्दी गिरफत में आते।
उन्होंने कहा कि पुलिस जल्द एंटी और एग्जिटों प्वांइटों में एनपीआर यानी नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगाएगा। उन्होंने कहा कि लूट को सुझलाने का श्रेय 3 जांच टीमों को जाता है तथा पुलिस प्रशासन सरकार को इन्हें सम्मानित करने की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि यह लूट 20 फरवरी की रात 1 से 2 बजे के बीच हुई थी। डकैतों ने स्टोर के चौकीदार को बंधक बनाकर लूट को अंजाम दिया था। चोर 38 क्विंटल तांबे को 2 पिकअप वाहनों में ले गए थे। इस तांबे की कीमत 12 लाख के करीब है।

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