दंगे के 16 दोषियों को 10 साल की सजा, सरकार ने चार्जशीटेड को किया था पार्षद मनोनीत

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 23 फ़रवरी 2017, 4:34 PM (IST)

चित्तौडग़ढ़। जिले के बेगूं कस्बे में दस वर्ष पूर्व हुए साम्प्रदायिक दंगे 16 आरोपियों को न्यायालय ने बुधवार को दस वर्ष की सजा से दण्डित किया है। इनमें से एक आरोपी को गत माह ही राज्य सरकार ने नगरपालिका पार्षद मनोनीत किया था जो कि बेगूं वक्फ कमेटी का सदर भी है। इसके अलावा एक आरोपी पूर्ववर्ती कांगेस बोर्ड में पार्षद रही महिला का पति है। मनोनीत पार्षद को लेकर अब पार्टी व अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं।
प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2007 में रंगतंरस की गैर पर कस्बे के मामिन मौहल्ले में समुदाय विशेष के लोगों ने भारी पथराव करने के साथ हथियारों से लैस होकर हमला कर दिया था, जिसमें कई लोग घायल हुए व कस्बे में साम्प्रदायिक तनाव हो गया था। इस मामले में लिप्त सोलह आरोपियों को न्यायालय ने दस वर्ष की कैद व जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। आरोपियों में से एक कस्बा निवासी युनुस बागड़ी भी है। इसी आरोपी को नाम निवर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष व बेगू विधायक सुरेश धाकड़ ने पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध के बावजूद नगरपालिका पार्षद के लिए मनोनीत किया था। इस मनोनयन को लेकर वर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष रतनलाल गाडरी ने कहा कि जब विधायक ने इसका नाम भेजा था, तब वे खुद भाजपा जिलाध्यक्ष हुआ करते थे। ऐसे में यह प्रकरण कल ही मुझे बेगूं भाजपा मंडल के पदाधिकारियों ने बताया है और हम अब इस मामले की जांच कर उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। सांसद चंद्रप्रकाश जोशी ने कहा कि मामले की मुझे जानकारी नहीं है। विधायक सुरेश धाकड़ के विधानसभा सत्र में व्यस्त होने के चलते इस विषय पर बात नहीं हो सकी। जबकि मनोनयन के समय बेगूं उपखंड अधिकारी रहे ज्ञानमल खटीक ने कहा कि युनुस बागड़ी को पांच जनवरी को मनोनीत किया था और 12 फरवरी को उसे शपथ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उससे पहले मेरा तबादला चित्तौडग़ढ़ हो गया। बेगूं पालिका के अधिशासी अधिकारी नरेश राठौड़ ने कहा कि शपथ के दिन युनुस बागड़ी नहीं आया था, जिससे हम उन्हें शपथ नहीं दिलवा पाए। वह दंगे के मामले में चार्जशीटेड था इसकी जानकारी हमें नहीं थी।

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