सिजेरियन डिलीवरी घोटाले जैसा:मेेेेनका

www.khaskhabar.com | Published : गुरुवार, 23 फ़रवरी 2017, 12:35 PM (IST)

नई दिल्ली। अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी (ऑपरेशन के जरिए प्रसव) की होड़ के खिलाफ केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने मोर्चा खोला है। एक ऑनलाइन याचिका पर संज्ञान लेते हुए मेनका ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा को बुधवार को पत्र लिखकर कहा है कि अस्पतालों को सिजेरियन डिलीवरी के आंकड़ों को सार्वजनिक करना चाहिए, क्योंकि हमारे अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी घोटाले का रूप लेती जा रही है।
मेनका गांधी ने सिजेरियन डिलीवरी की वजह से महिलाओं की सेहत पर पडऩे वाले असर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मातृत्व स्वास्थ्य से जुड़े कई अहम मुद्दे इसमें शामिल हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। मेनका ने कहा कि स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय से मैं अनुरोध करती हूं कि वे इस मामले को देखें। अस्पतालों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करके सिजेरियन डिलीवरी का प्रतिशत सार्वजनिक करना बाध्यकारी बनाया जाए। इस बाबत ऑन लाइन याचिका पर हस्ताक्षर अभियान शुरू करने वाली सुबर्ना का कहना है कि अस्पतालों के आंकड़े सार्वजनिक होने पर लोग सावधानी से अस्पतालों का चुनाव कर पाएंगे। महिला व बाल विकास मंत्री ने बुधवार को ऑनलाइन याचिका पर हस्ताक्षर का सिलसिला शुरू करने वाली संस्था चेंज डॉट ओआरजी के सदस्यों से मुलाकात की। उन्होंने माना कि समस्या काफी गंभीर हो रही है और इसे रोकने की जरूरत है।
मानकों की हो रही अनदेखी

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के मुताबिक, सी सेक्शन डिलीवरी देश में कुल डिलीवरी का दस से पन्द्रह फीसदी के बीच होना चाहिए, जबकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में तय मानक से ज्यादा सिजेरियन डिलीवरी कराई जा रही है। यह आंकड़ा तेलंगाना में 58 फीसदी और तमिलनाडु में 34.1 फीसदी तक था। निजी अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी के मामले में पश्चिम बंगाल में आंकड़ा 70 फीसदी से ज्यादा और तेलंगाना में 74 फीसदी से ज्यादा पाया गया। ऑन लाइन याचिका पर सिजेरियन डिलीवरी के खिलाफ हस्ताक्षर करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। करीब एक लाख तीन हजार से ज्यादा लोग अब तक इस याचिका पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।
व्यवसाय बन रहा है ऑपरेशन से प्रसव

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ऑनलाइन अभियान शुरू करने वालों का आरोप है कि सिजेरियन डिलीवरी व्यवसाय बनता जा रहा है। अस्पताल बच्चे को जन्म देने वाली मांओं और उनके परिजनों को गुमराह करके ऑपरेशन के लिए दबाव बनाते हैं। डॉक्टरों द्वारा बताया जाता है कि सिजेरियन डिलीवरी ज्यादा वैज्ञानिक, आधुनिक और खतरे से मुक्त है। मुंबई के अस्पतालों के अध्ययन से पता चला है कि वर्ष 2010 में सिजेरियन डिलीवरी का आंकड़ा 16.7 फीसदी की तुलना में वर्ष 2015 में 32.1 फीसदी यानी दूना हो गया। मुंबई के निजी अस्पतालों में सरकारी अस्पतालों की तुलना में 200 प्रतिशत ज्यादा सिजेरियन डिलीवरी होती है। सामान्य तरीके से होने वाली डिलीवरी वर्ष 2010 में 80 फीसदी से घटकर वर्ष 2015 में 63 फीसदी हो गई।

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