घर में पैसा नहीं टिकता तो आजमाएं ये वास्तु टिप्स

www.khaskhabar.com | Published : मंगलवार, 07 नवम्बर 2017, 09:12 AM (IST)

हर किसी की इच्छा रहती है कि उसके पास बहुत सारे पैसों हो और जिसकी पूरी जिंदगी ऎश-आराम से गुजरे। इसके लिए वह दिन-रात एक करके कडी मेहतन करता है। लेकिन चाहकर भी बचत नहीं कर पाते। इसका मुख्य कारण घर में वास्तुदोष भी हो सकता है। जब तक आपके कमाए पैसे में बरकत नहीं होगी तब तक आपके धन का संचय नहीं होगा। अमीर बनने के लिए बचत बहुत जरूरी है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार इन कारणों से घर में पैसा नहीं टिकता, तो फिर देर किस बात की NEXT स्लाइड्स पर क्लिक कर डालिए एक नजर ....
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* घर में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं पर चढाए गए फूल अथवा हार के सूख जाने पर उन्हें घर में न रखें।
* रात को चावल, दही और सत्तू न खाएं।

* शाम के समय सोना नहीं चाहिए।


* घर के उत्तर पूर्व में डस्टबीन न रखें।

* नल से अथवा पानी की टंकी से पानी का टपकते रहना।

* घर के वैस्ट कार्नर में किचन होना।


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* उत्तर पूर्व दिशा में घर की ढलान का ऊंचा होना।

* जूते पहन कर भोजन न खाएं।

* सुबह दांत साफ किए बिना पानी अथवा चाय न पीएं।

* घर की दक्षिण पश्चिम दिशा में वॉशरूम अथवा पानी की टंकी नहीं होनी चाहिए।

* घर में टूटा-फूटा सामान न रखें विशेषकर छत और सीढी के नीचे कब़ाड जमा करके रखने से भी धन की हानि होती है।
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घर में रखी वस्तुएं भी अच्छा या बुरा प्रभाव डालती हैं। कई बार व्यक्ति घर में ऐसी चीजें रख लेता है जो देवी लक्ष्मी को अप्रिय होती है। ऐसी वस्तुओं को घर में रखने से बरकत नहीं होती अौर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। वास्तु के अनुसार इनसे बचने के लिए ऐसी वस्तुएं घर में नहीं रखनी चाहिए।

घर में टूटा शीशा या टूटे कांच की चीजें रखने से आर्थिक नुक्सान होता है। दरवाजे-खिड़कियों में लगे कांच टूट जाएं तो उन्हें भी बदल देना चाहिए।
एक ही देवी-देवता की प्रतिमा आमने-सामने नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से आय के साधन कम और खर्चे अधिक हो जाते हैं।

घर में कांटेदार पौधे न लगाएं। इस प्रकार के पौधे धन संबंधी परेशानियों का कारण बनते हैं।
घर में खंड़ित प्रतिमा अौर फटे हुए भगवान के चित्रपट नहीं रखने चाहिए। ये सब पैसों से संबंधित परेशानियों को बढ़ाते हैं।

घर में खराब अौर बेकार चीजें रखने से नकारात्मक ऊर्जा में बढ़ौतरी होती है।
टीवी, फ्रीज, कंप्यूटर आदि खराब उपकरण घर में भूलकर भी न रखें।

घर में खराब या बंद घड़ी न रखें। इससे नकारात्मक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है।
उन्नति अौर धन संबंधी परेशानियों से बचने के लिए घर में बंद घड़ी नहीं रखनी चाहिए।
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आज हर इंसान पैसे और इज्जत के लिए दिन-रात एक करके कडी मेहनत करता है। इसके बावजूद कई बार उसे वो नहीं मिलता जिससे वो काफी दुखी रहती है। कडी मेहनत के साथ-साथ सफलता के लिए कुछ टोटके अपनाने चाहिए जिससे आपकी मुश्किल निश्चित तौर पर आसान हो जाएगी। आज आपको घर की झाडू और पोछे के बारे में बताने जा रहे है। आइए जानते है झाडू के टोटके के बारे में।

झाड़ू के महत्व को देखते हुए वास्तु शास्त्र द्वारा कई नियम बताए गए हैं। जब घर में झाड़ू का इस्तेमाल न हो, तब उसे नजरों के सामने से हटाकर रखना चाहिए। झाड़ू को कभी भी खड़ा नहीं रखना चाहिए। ध्यान रहे झाड़ू पर जाने-अनजाने पैर नहीं लगने चाहिए, इससे महालक्ष्मी का अपमान होता है। झाड़ू हमेशा साफ रखें।

ज्यादा पुरानी झाड़ू को घर में न रखें। झाड़ू को कभी जलाना नहीं चाहिए। शनिवार को पुरानी झाड़ू बदल देना चाहिए। शनिवार के दिन घर में विशेष साफ-सफाई करनी चाहिए। घर के मुख्य दरवाजा के पीछे एक छोटी झाड़ू टांगकर रखना चाहिए। इससे घर में लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

घर से दरिद्रता रूपी कचरे को दूर करके झाड़ू यानि महालक्ष्मी हमें धन-धान्य, सुख-संपत्ति प्रदान करती है। जब घर में झाड़ू का कार्य न हो तब उसे ऐसे स्थान पर रखा जाता है जहां किसी की नजर न पड़े। इसके अलावा झाड़ू को अलग रखने से उस पर किसी का पैर नहीं लगेगा जिससे देवी महालक्ष्मी का निरादर नहीं होगा। यदि भुलवश झाड़ू को पैर लग जाए तो महालक्ष्मी से क्षमा की प्रार्थना कर लेना चाहिए।

परिवार के किसी भी सदस्य के बाहर जाते ही तुरंत झाड़ू लगाना भी अशुभ होता है। घर में नियमित रूप से पोछा लगाने से आपके घर में लक्ष्मी का निवास होने लग जाता है। गुरूवार को घर में पोछा ना लगाये ऐसा कहा जाता है कि इस बात लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। पोछे के पानी में हमेशा नमक डालकर काम कीजिये इससे घर में सकारात्म ऊर्जा आती है और इंसान के प्रमोशन के रास्ते खुल जाते हैं।
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दक्षिणामुखी एक विशेष जाति का दुर्लभ अद्भुत् चमत्कारी शंख दाहिने तरफ खुलने की वजह से दक्षिणावर्ती शंख कहलाता है। कहते हैं इस श्‍ांख को घर में रखने भर से मां लक्ष्‍मी आपकी ओर खिंची चली आती है।

शंख संहिता के अनुसार शंख को तीन भागों में विभक्त किया गया है। जैसे वामावर्ती, दक्षिणावर्ती और मध्यावर्ती। वामावर्ती बजने वाले शंख होते हैं उनका मुंह बाईं ओर होता है तथा ये बाईं ओर से खुलते हैं।

दक्षिणामुखी एक विशेष जाति का दुर्लभ अद्भुत् चमत्कारी शंख दाहिने तरफ खुलने की वजह से दक्षिणावर्ती शंख कहलाते हैं। दक्षिणामुखी शंख सहज रूप से सुलभ नहीं हो पाते हैं।

आकाश में नक्षत्र मंडल में विशेष शुभ नक्षत्र के प्रभाव से दक्षिणावर्ती शंख की उत्पत्ति समुद्र के गर्भ से होती है। यह शंख अपने चमत्कारी प्रभाव के कारण दुर्लभ व मूल्यवान भी होता है।

प्रत्येक विशेष पूजा में शंख द्वारा अभिषेक का महत्व है। प्रत्येक पूजा में इसे पवित्र माना गया है। लक्ष्मी से संबंधित जितने भी प्रयोग हैं वे दक्षिणावर्ती शंख प्रयोग की तुलना में कुछ भी नहीं हैं। शुद्ध श्रेष्ठ असली प्रामाणिक दक्षिणावर्ती शंख को घर में स्थापित करना चाहिए।

यह शंख चंद्रमा और सूर्य के समान देव स्वरूप है इसके मध्य में वरुण, पृष्ठ भाग में गंगा का निवास है। शंख में सारे तीर्थ विष्णु आज्ञा से निवास करते हैं और यह कुबेर स्वरूप है।

इसकी तो पूजा अवश्य ही करनी चाहिए, इसके दर्शन मात्र से सभी दोष नष्ट हो जाते हैं। यदि आपको निर्दोष शंख मिल जाए तो उसे किसी शुभ मुहूर्त में गंगाजल, गोघृत, कच्चा दूध, मधु, गुड़ आदि से अभिषेक करके अपने पूजा स्थल में लाल कपड़े के आसन पर स्थापित कर लीजिये इससे लक्ष्मी का चिर स्थाई वास बना रहेगा।

प्रकृति ने कई चीजों को बेहद शुभ और पवित्र माना है। इसी बात को ज्योतिष और भी पुख्ता करता है। ज्योतिष के अनुसार कुछ खास पेड और पौधों की जड और फूल को काम में लिया जाए तो कई समस्या‍ओं का समाधान मिल सकता है।

वास्तु
के अनुसार पुष्य नक्षत्र में शंखपुष्पी का पुष्प लाकर चांदी की डिविया में रखकर तिजोरी में रखें, धन की वृद्धि होगी।

अश्विनी नक्षत्र वाले दिन एक रंग वाली गाय के दूध में बेल के पत्ते डालकर वह दूघ निःसंतान स्त्री को पिलाने से उसे संतान की प्राप्ति होती है।

अश्विनी नक्षत्र में अपामार्ग की जड़ लाकर इसे तावीज में रखकर किसी सभा में जाएं, सभा के लोग वशीभूत होंगे।

यदि घर में किसी वस्तु की चोरी हो गई हो, तो भरणी नक्षत्र में नागर बेल का पत्ता लाकर उस पर कत्था लगाकर व सुपारी डालकर चोरी वाले स्थान पर रखें, चोरी की गई वस्तु का पला चला जाएगा।

भरणी नक्षत्र में संखाहुली की जड़ लाकर तावीज में पहनें तो विपरीत लिंग वाले प्राणी आपसे प्रभावित होंगे। कोर्ट कचहरी के मामलों में विजय हेतु आर्द्रा नक्षत्र में आक की जड़ लाकर तावीज की तरह गले में बांधें।

सुख की प्राप्ति के लिए पुनर्वसु नक्षत्र में दूधी की जड़ लाकर शरीर में लगाएं।

अश्लेषा नक्षत्र में बरगद का पत्ता लाकर अन्न भंडार में रखें, भंडार भरा रहेगा।

अश्लेषा नक्षत्र में धतूरे की जड़ लाकर घर में रखें, घर में सर्प नहीं आएगा और आएगा भी तो कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में बेहड़े का पत्ता लाकर घर में रखें, घर ऊपरी हवाओं के प्रभाव से मुक्त रहेगा।
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उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में नीबू की जड़ लाकर उसे गाय के दूध में मिलाकर निःसंतान स्त्री को पिलाएं, उसे पुत्र की प्राप्ति होगी।

हस्त नक्षत्र में चंपा की जड़ लाकर बच्चे के गले में बांधें, बच्चे की प्रेत बाधा तथा नजर दोष से रक्षा होगी।

अनुराधा नक्षत्र में चमेली की जड़ गले में बांधें, शत्रु भी मित्र हो जाएंगे।

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श्रवण नक्षत्र में एरंड की जड़ लाकर निःसंतान स्त्री के गले में बांधें, उसे संतान की प्राप्ति होगी।

पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में तुलसी की जड़ लाकर मस्तिष्क पर रखें, अग्निभय से मुक्ति मिलेगी।

अगर किसी जातक की जन्म कुंडली में बैठे ग्रह अनिष्ट प्रभाव दे रहे हों तो विधिपूर्वक हवन करते रहने से जल्दी ही ग्रहों के शुभ प्रभाव मिलने लगते हैं। पीड़ा देने वाले ग्रह से संबंधित वार को ग्यारह या इक्कीस व्रत रखकर हवन करके पूर्णाहुति देने से रोग, शोक, कष्ट और बाधाओं का निवारण होता है।

हवन में प्रयोग होने वाली सामग्री में बूरा, बतासे, सूखा गोला, सूखे मेवे, मिष्ठान घी आदि मिलाकर अग्नि में आहुति देने से अग्नि एवं सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं। हवन पूरा होने के बाद श्रद्धानुसार पात्र व्यक्तियों को धन, अन्न, फल, वस्त्र, जीवनोपयोगी वस्तुएं दान करने से ग्रह शांति होती है।

वहीँ हवन के समय तांबे के पात्र के जल का आचमन करने से हमारी इंद्रियां सक्रिय हो जाती हैं तथा शरीर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होने से मन प्रसन्न होता है। वास्तु दोषों से मुक्ति भवन निर्माण के समय रह गए दृश्य और अदृश्य वास्तु दोषों को दूर करने के लिए सबसे आसान तरीका हवन करना ही है।

वास्तु के नियमों के अनुसार भवन में पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश तत्वों का संतुलन वहां रहने वालों को सुखी और संपन्न बनाये रखने में मदद करता है। सुगन्धित धूप, अगरबत्ती, शुद्ध घी का दीपक, हवन सामग्री, कपूर आदि पदार्थ इन पांचों तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं। भवन में किसी तरह का कोई वास्तु दोष न रह जाए, इसलिए निर्माण से पूर्व शुभ मुहूर्त में भूमि पूजन और शिलान्यास में मंत्रोपचार के साथ हवन का महत्व है।

भवन का निर्माण पूरा होने के बाद शुभ मुहूर्त में गृह प्रवेश के समय भी वास्तु पूजन के साथ हवन किया जाता है। जिससे कि भवन का आंतरिक और बाहरी वातावरण शुद्ध एवं पवित्र बना रह सके और उसमें रहने वालों को सभी तरह के कष्ट, रोग, दुःख और बाधाओं से मुक्ति मिल सके।

अग्निहोत्र से बाधाओं का निवारण किसी आवासीय या व्यावसायिक भवन में वास्तुदोष के कारण आने वाली बाधाओं के निवारण के लिए प्रतिदिन प्रातः और सायं अग्निहोत्र विधि को अपनाया जाता है।

वेदोक्त प्राण ऊर्जा सिद्धान्त पर आधारित अग्निहोत्र में पिरामिड आकार के तांबे के हवन कुंड या पात्र में गाय के गोबर से बने कंडे को प्रज्वलित करके शुद्ध गाय का घी, अक्षत, कपूर, गूगल, हवन सामग्री से मंत्रों के साथ आहुति दी जाती है। इससे उत्पन्न ऊर्जा के प्रभाव से नकारात्मकता और वास्तु दोष दूर होने लगते हैं तथा घर परिवार में खुशहाली आने लगती है।
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हवन करते समय की सावधानियां हवन की अग्नि को कभी भी पंखे से प्रज्वलित नहीं करना चाहिए बल्कि बांस की बनी फुंकनी द्वारा मुख से फूंककर अग्नि प्रज्वलित की जा सकती है। हवन की अग्नि में अपवित्र सामग्री का प्रयोग निषिद्ध है।

हवन कुंड के नीचे जमीन पर गिरी हवन सामग्री को उठकर हवन की अग्नि में नहीं डालना चाहिए। भूख, प्यास, क्रोध या मंत्रों का पूर्ण ज्ञान न होने पर तथा अग्नि के प्रज्वलित न होने पर हवन नहीं करना चाहिए। हवन की अग्नि के शांत होने के बाद राख आदि को पवित्र नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए।

प्रकृति कई बार धनप्राप्ति के संकेत देती है लेकिन हम उनको प्रहचान नहीं पाते हैं। आज हम आपको बता रहे हैं

1- अगर आपके शरीर के दाहिने भाग में या सीधे हाथ में लगातार खुजली हो, तो समझ लेना चाहिए कि आपको धन लाभ होने वाला है।
2- लेन-देन के समय यदि पैसा आपके हाथ से छूट जाए, तो समझना चाहिए कि धन लाभ होने वाला है।
स्लाइड्स पर क्लिक कर डालिए एक नजर कुछ ऐसे ही संकेतों के बारे में जो लक्ष्मी (धन) आगमन के बारे में हमें पहले से ही सूचित कर देते हैं........
गुरू चाण्डाल योग

3-यदि कोई सपने में देखे कि उस पर कानूनी मुकदमा चलाया जा रहा है, जिसमें वह निर्दोष छूट गया है, तो उसे अतुल धन संपदा की प्राप्ति होती है।

4- जो व्यक्ति सपने में मोती, मूंगा, हार, मुकुट आदि देखता है, उसके घर में लक्ष्मी स्थाई रूप से निवास करती है।

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5- जिसे स्वप्न में कुम्हार घड़ा बनाता हुआ दिखाई देता है, उसे बहुत धन लाभ होता है।

6- दीपावली के दिन यदि कोई किन्नर संज-संवर कर दिखाई दे, तो अवश्य ही धन लाभ होता है। ये धन लाभ अप्रत्याशित रूप से होता है।

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7- सोकर उठते ही सुबह-सुबह कोई भिखारी मांगने आ जाए, तो समझना चाहिए कि आपके द्वारा दिया गया पैसा (उधार) बिना मांगे ही मिलने वाला है। इसलिए भिखारी को अपने द्वार से कभी खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए।

8- यदि कोई सपने में स्वयं को कच्छा पहनकर कपड़े में बटन लगाता देखता है, तो उसे धन के साथ मान-सम्मान भी मिलता है।

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9- यदि कोई स्वप्न में किसी को चेक लिखकर देता है, तो उसे विरासत में धन मिलता है तथा उसके व्यवसाय में भी वृद्धि होती है।

10- गुरुवार के दिन कुंवारी कन्या पीले वस्त्रों में दिख जाए, तो इसे भी शुभ संकेत मानना चाहिए। ये भी धन लाभ होने के संकेत है।

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11- अगर आप धन संबंधित काम के लिए कहीं जाने के लिए कपड़े पहन रह हैं और उसी समय आपकी जेब से पैसे गिरें, तो यह आपके लिए धन प्राप्ति का संकेत है।

12- यदि कोई सपने में दिया सलाई जलाता है, तो उसे अनपेक्षित रूप से धन की प्राप्ति होती है।

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13- सपने में अगर किसी को धन उधार देते हैं, तो अत्यधिक धन की प्राप्ति होती है।

14- कहीं जाते समय नेवले द्वारा रास्ता काटना या नेवले का दिखना शुभ संकेत होता है। नेवला दिखना धन लाभ का संकेत होता है। आप सोकर उठे हों और उसी समय नेवला आपको दिख जाए तो गुप्त धन मिलने की संभावना रहती है।

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15- सपने में यदि गर्दन में मोच आ जाए, तो भी धन लाभ होता है। यदि पका हुआ संतरा देंखे तो शीघ्र ही अतुल धन-संपत्ति प्राप्त होती है।

16- शुक्रवार के दिन कपिला गाय (केसरिया रंग की) के दर्शन होना भी बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा हो जाए तो समझना चाहिए कहीं से अचानक धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं।

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17- जो व्यक्ति सपने में फल-फूलों का भक्षण करता है, उसे धन लाभ होता है। जो स्वप्न में ध्रुमपान करता है, उसे भी धन प्राप्ति होती है।

18- कुत्ता यदि अचानक धरती पर अपना सिर रगड़े और यह क्रिया बार-बार करे तो उस स्थान पर गढ़ा धन होने की संभावना होती है।

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19- यदि यात्रा करते समय किसी व्यक्ति को कुत्ता अपने मुख में रोटी, पूड़ी या अन्य कोई खाद्य पदार्थ लाता दिखे, तो उस व्यक्ति को धन लाभ होता है।

20- यदि कोई यात्री घर को लौट रहा हो और गधा उसके बाईं ओर रेंके तो उसे थोड़े समय बाद धन लाभ होता है।

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