अखिलेश बोले- परिवार में झगड़ा न होता, तो सपा-कांग्रेस गठबंधन भी नहीं होता

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 22 फ़रवरी 2017, 08:57 AM (IST)

लखनऊ। अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ हुए अलायंस पर पहली बार खुलकर बयान दिया है। अखिलेश ने एक अंग्रेजी अखबार से कांग्रेस-सपा गठबंधन होने की वजह बताई है। उन्होंने कहा- ‘अगर परिवार में झगड़ा न हुआ होता तो सपा-कांग्रेस के अलायंस की जरूरत नहीं पड़ती। अलायंस एक तय समय और परिस्थितियों पर हुआ। अगर ये चीजें (पारिवारिक विवाद) सामने नहीं आतीं और कुछ पॉलिटिकल डिसीजन न लिए जाते तो यह अलायंस नहीं होता।’
अखिलेश ने ‘द हिंदू’ अखबार से बातचीत में कहा, कांग्रेस के साथ गठबंधन हालात की वजह से हुआ है। अगर परिवार में झगड़ा नहीं होता, तो कांग्रेस से गठबंधन भी नहीं होता। मुख्यमंत्री अखिलेश का यह बयान ऐसे समय आया है जब यूपी में करीब आधा चुनाव खत्म हो चुका है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में दोनों पार्टियां गठबंधन के तहतचुनाव लड़ रही हैं। विधानसभा चुनावों के लिए गठबंधन के तहत कांग्रेस 105 और सपा 398 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। वहीं अमेठी-राय बरेली की पांच सीटों पर दोनों ही पार्टियों ने अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं।
अखिलेश ने ‘द हिंदू’ को दिए इंटरव्यू में कहा- ‘कई बार आप सिर्फ दोस्ती करते हैं। कुछ लोग कहते हैं कि एक उम्र के बाद दोस्ती, जरूरतों के हिसाब से होती है। यह अच्छा है कि हमारा कांग्रेस के साथ अलायंस हुआ है। अब तक हमारी राहुल के साथ केमिस्ट्री काफी अच्छी रही है। हम दोनों एक ही उम्र के हैं, एक जैसा सोचते हैं। वो देश और प्रदेश के बारे में सोचते हैं। हम भी यही चाहते हैं।’ जब उनसे पूछा गया कि आपको अलायंस की जरूरत कब महसूस हुई, तो उनका जवाब था, ‘समाजवादी ऐसा महसूस करते हैं कि जब कांग्रेस काफी कमजोर हो गई तो उसने सपा को अपने सबसे करीब पाया। मुझे लगता है कि कांग्रेस कमजोर थी और समाजवादियों से दोस्ती भी सही है। कई बार समय और परिस्थितियां तय करती हैं कि आप किसके साथ जुडऩे जा रहे हैं।
सपा और कांग्रेस के बीच पहले कई बार विवाद हो चुका है, लेकिन यह भी याद रखना चाहिए कि सभी समाजवादी नेता कांग्रेस के प्रोडक्ट हैं। उस समय कांग्रेस ही सिर्फ अपोजिशन पार्टी थी और अगर एक रूलिंग पार्टी थी, तो वो उस पार्टी के खिलाफ ही चुनाव लड़ेंगे। अब टाइम चेंज हो गया है। हमें पॉलिटिकल फॉर्मेशन की जरूरत है, जो देश को भाजपा जैसी सांप्रदायिक ताकतों से बचा सके। कोई ऐसा होना चाहिए जो पीएम मोदी और अमित शाह जैसे नेताओं का जवाब दे सके।’




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कांगेस से अलायंस होने में कुछ देरी होने के सवाल पर अखिलेश ने कहा, ‘अगर आप पहले अलायंस कर लेते तो पार्टी वर्कर्स को साथ लेकर चलना और आसान हो जाता। हमारे कई डिसीजन ऐन मौकों पर लिए गए। हमारे पास अलायंस के लिए भी कम समय बचा। शुरुआत में हमारे परिवार में कुछ इश्यूज थे (शिवपाल यादव के साथ हुए विवाद पर इशारा करते हुए)। इस पर काफी ज्यादा समय बर्बाद हो गया।’ अगर पारिवारिक झगड़ा न होता तो यह अलायंस पहले हो गया होता? सवाल पर उन्होंने कहा, ‘तब भी ऐसा न होता। मैंने शुरू में ही कहा कि अलायंस एक तय समय और परिस्थितियों पर हुआ। अगर ये चीजें (पारिवारिक विवाद) सामने नहीं आतीं और कुछ पॉलिटिकल डिसीजन न लिए जाते तो यह अलायंस नहीं होता। लेकिन समय और परिस्थितियां ऐसी थीं कि यह अलायंस जरूरी था, ताकि लोगों को यह मैसेज जाए कि एक प्रोग्रेसिव गवर्नमेंट की प्रदेश में वापसी होगी। इस डिसीजन का अच्छा रिजल्ट ही मिलेगा।’
2019 में भी सपा का कांग्रेस से अलायंस होगा?
2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन के सवाल का उन्होंने सीधा जवाब नहीं देकर कहा, ‘कोई भी आदमी या पॉलिटिकल पार्टी पहले खुद का इंटरेस्ट देखती है। अभी हम यूपी को ही देख रहे हैं। 2019 के बारे में कहना अभी जल्दबाजी होगी। इस चुनाव के बाद ही आगे की स्ट्रैटजी तय करेंगे कि हम साथ रहेंगे या नहीं।’
बिजली मामले में पीएम के दीवली-ईद पर कमेंट पर यूपी सीएम ने कहा, ‘उनका डाटा गलत था। हमने रमजान से ज्यादा दिवाली में 2 हजार मेगावाट अधिक बिजली सप्लाई की। लाइट का फेस्टविल होने के नाते मैंने प्रदेश के हर जिला हेडक्वार्टर में 24 घंटे बिजली दी।’

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