चेन्नई। भारी हंगामे के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया। हालांकि उनके बहुमत साबित करने को असंवैधानिक बताया जा रहा है। यह वोटिंग द्रमुक विधायकों को सदन से बाहर ले जाए जाने के बाद कराई गई। बहुमत साबित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई के पलानीस्वामी ने शनिवार को कहा कि विधानसभा में उनकी सरकार के विश्वास मत जीतने के साथ ही अन्नाद्रमुक महासचिव वी के शशिकला की ओर से किया गया प्रण पूरा हो गया।
एमजीआर स्मारक में पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से लगाए जा रहे चिन्नम्मा जिंदाबाद के नारों के बीच पलानीस्वामी ने कहा, हमारी पार्टी की महासचिव वी के शशिकला की ओर से किया गया प्रण पूरा हुआ। वह शशिकला के पहले के उस बयान की ओर इशारा कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि जयललिता की सरकार राज्य में जारी रहेगी। अपने मंत्रियों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ पलानीस्वामी ने पार्टी संस्थापक एमजी रामचंद्रन और दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के स्मारकों पर पुष्पांजलि अर्पित की।
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पलानीस्वामी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अन्नाद्रमुक सुप्रीमो
जयललिता ने जिस पार्टी को पोषित किया, उसकी कुछ लोगों ने अनदेखी की और वे
द्रमुक के साथ हाथ मिलाकर इस सरकार को गिराना चाहते थे। उन्होंने कहा, आज
के नतीजे से उनका असली चेहरा खुलकर सामने आ गया है। यह पूछे जाने पर कि
क्या वह ऐसे विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जिन्होंने पार्टी से पल्ला
झाड लिया, इस पर उन्होंने कहा कि पार्टी इस पर फैसला करेगी। अपनी
प्राथमिकताओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पहला मुद्दा राज्य
के गंभीर जल संकट का निदान करना है। उन्होंने कहा कि वह पीएम नरेंद्र मोदी
से मिलेंगे और पिछले साल दिसंबर में वर्दा चक्रवात से हुए नुकसान की भरपाई
के लिए राहत धनराशि लेंगे।
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