भोपाल। भाजपा के सांसद प्रहलाद सिंह पटेल ने एक बार फिर मध्य प्रदेश के
बहुचर्चित व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले के रिश्वतखोरों को सजा
में हो रही देरी पर सवाल उठाया है। वह इस घोटाले को लेकर राज्य सरकार पर
लगातार हमले बोल रहे हैं।
पटेल ने शुक्रवार को एक ट्वीट में व्यापमं मामले पर अपनी चिंता जाहिर करते
हुए लिखा है कि रिश्वत देने वालों को तो सजा मिल गई, मगर रिश्वत लेने और
रिश्वत देने को प्रेरित करने वालों को सजा कब मिलेगी, इसका इंतजार है। बीते
दिनों सर्वोच्च न्यायालय ने व्यापमं की एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा में
सामूहिक नकल के आरोप में 734 विद्यार्थियों के प्रवेश को निरस्त कर दिया
था। यह प्रवेश 2008 से 2012 के बीच की है।
दमोह से भाजपा सांसद पटेल ने गुरूवार को ट्वीट में अपनी वेदना जाहिर की, और
शुक्रवार को भी उन्होंने पांच ट्वीट किए हैं। ये ट्वीट परोक्ष रूप से
राज्य सरकार को ही कटघरे में खडा करते नजर आ रहे हैं।
पटेल ने ट्वीट में लिखा है,व्यापमं में जिन्होंने रिश्वत दी, उन्हें सजा
मिली, लेकिन जिन्होंने रिश्वत ली और जिन्होंने रिश्वत देने को प्रेरित
किया, उन लोगों को सजा कब मिलेगी, हमें उसका इंतजार है और न्याय तभी पूरा
होगा। हम अपने भविष्य की पीढ़ी को लुटने से न बचा सके, ऎसा विफल प्रशासनिक
ढांचा राजनीति की नजर से कैसे ओझल हो गया, यह आत्मावलोकन जरूरी है।
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व्यापमं के जरिए एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए हुए लेन-देन का
जिक्र करते हुए पटेल ने लिखा है,मेरी राय में जिन्होंने रिश्वत दी, वे
दंडित हुए इसका दुख नहीं है। लेकिन पांच से छह वर्ष डॉक्टरी सीखने वाली
हुनरमंद पीढ़ी बर्बाद हो गई। जिन योग्य प्रतिभागियों का हक मारा गया,
उन्हें क्या मिलेगा।
पटेल ने गुरूवार के ट्वीट में लिखा था,मुझसे व्यापमं पर ट्वीट करने का आशय
पूछा गया। सत्ता परिवर्तन की नियत से सोचने पर ढेर सारे आशय निकलेंगे, पर
व्यवस्था परिवर्तन के लिए मेरा आशय साफ है।
पटेल केंद्रीय राज्य मंत्री भी रह चुके हैं और वर्तमान में भारतीय मजदूर
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनके इस तरह के ट्वीट ने राज्य की सियासत
में हलचल के संकेत दे दिए हैं। यहां बताना लाजिमी होगा कि भाजपा के तमाम
नेताओं ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर प्रसन्नता जाहिर की थी। साथ ही
व्यापमं घोटाले का खुलासा करने का श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को
दिया था।
व्यापमं का मामला 2013 में सुर्खियों में आया था। इस मामले की एसटीएफ,
एसआईटी की जांच के बाद वर्तमान में सीबीआई जांच चल रही है। इस मामले में अब
तक 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
(आईएएनएस)