Movie Review: गंभीर विषय की असरदार कहानी है इरादा

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2017, 2:48 PM (IST)

स्टारकास्ट - नसीरूद्दीन शाह, अरशद वारसी, दिव्या दत्ता, सागरिका घटके, शरद केलकर
प्रोड्यूसर - फालगुनी पटेल, प्रिंस सोनी
लेखक - अपर्णा सिंह, अनुष्का राजन


बॉलीवुड के मंझे हुए अभिनेता नसीरूद्दीन शाह और अरशद वारसी एक बार फिर फिल्म इरादा में नजर आए। यह फिल्म एक नए विषय पर आधारित है। और जब भी किसी नए विषय को लेकर फिल्म बनाई जाती हैं तो उसे देखने के लिए दर्शक सिनेमा घर का रूख कर लेते है। लेकिन फिल्मों के लिए सबसे बड़ी बात कि उस विषय के साथ न्याय होना होता है।
फिल्म इरादा की कहानी पंजाब के एक एक इलाके की है, इस इलाके में एक बड़ी केमिकल कम्पनी है। जिसका जहरीले रसायन युक्त जल को रिर्जव बोरिंग के माध्यम से जमीन के काफी नीचे छोड़ दिया जाता है। जिसकी वहज से जमीन के नीचे के पानी में खतरनाक रसायन मिल जाते हैं। इस पानी को पीने से लोग कैंसर बीमारी से ग्रस्त हो जाते है। जिसमे रिटायर्ड पिता परबजीत वालिया (नसीरुद्दीन शाह) अपनी बेटी रिया (रुमान मोल्ला) इसकी शिकार हो जाती है। परबजीत वालिया अपने बेटी रूमान को सिविल सर्विसेस के एग्जाम्स के लिए तैयारी करवाते हैं। जब परबजीत मुख्यमंत्री रमनदीप (दिव्या दत्ता) के पास पहुंचते हैं तो वो भी कंपनी पैडी का ही साथ देती है। उसके बाद अचानक फैैक्ट्री में ब्लास्ट हो जाता है। एनआईए ऑफिसर अर्जुन मिश्रा (अरशद वारसी) की ड्यूटी लगाई जाती है। जांच के दौरान ऑफिसर को रिवर्स बोरिंग के अलावा और भी कई चौंकाने वाले राज मिलते हैं। पूरी फिल्म इसी प्लॉट के इर्द-गिर्द घूमती है।


[# अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]

निर्देशन
फिल्म का विषय काफी अच्छा और समाजिक है। क्योंकि आज भी भारत के ऐसे कई इलाके या गांव है जहां इस तरह कि स्थि​ति जरूर होगी। फिलहाल हम इरादा फिल्म के डारेक्शन की बात कर रहे थे। जिम्मेदारी तब और बढ़ जाती है जब आपकी फिल्म में नसीरुद्दीन और दिव्या दत्ता जैसे कलाकार हों। निर्देशक अपर्णा सिंह बमुश्किल अपनी कहानी समझाने में सफल हो पाती हैं। कुछ कमियों की बात करें तो फिल्म का टाइम पीरियड वर्तमान है, लेकिन फिल्म के बाद में लिखा आता है कि पंजाब में इस तरह की समस्या पहले सन् 1970 के आस-पास हुआ करती थी। कई जगह जबरदस्ती दर्शक पर अपनी कहानी थोपने की कोशिश की गई है।


अभिनय
फिल्म में अगर नसीररूद्दीन शाह जैसे मंझे हुए कलाकार हो तो अभिनय तो बेहतरीन होगा। फिल्म का ऐसा कोई दृश्य आपको नहीं दिखेगा जिसमें नसीर की एक बेहद शार्प आर्मी आॅफिसर के रूप में न नजर आए हो। उन्होंने अपने अभिनय से इस किरदार को ​जीवंत कर दिया है। वहीं अगर अभिनेत्री दिव्या दत्ता की बात करें तो फिल्म को उनका अभिनय भी दमदार है। वैसे ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि जब कोई कलाकार निर्देशक की क्षमता को भाप ले। दिव्या ने ऐसा कर दिखाया, लेकिन कमजोर निर्देशन की वजह से अपनी प्रतिभा को उजागर करने में नाकामयाब रही। वहीं अभिनेता अरशद वारसी ने भी फिल्म में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की है लेकिन उनकी पिछली फिल्मों में उनकी सर्किट की छवी का कुछ अंश देखने को मिलता है।


सागरिका घाटगे ने फिल्म में कुछ खास अभिनय नहीं किया है। क्योंकि वह न ही जर्नलिस्ट लगती हैं, न ही विरहणी प्रेमिका। फिल्म में रोमान मोल्ला, परबजीत वालिया (नसीरुद्दीन शाह) बेटी की बात करें तो उन्होंने फिल्म में अपनी दमदार भूमिक निभाने में कामयाब रही है।

वहीं शरद केलकर और राजेश शर्मा ने अपना काम बखूबी किया है वे कई बार अपने सामने वाले किरदार पर भारी पड़ते नजर आए हैं।


क्यों देखें फिल्म
फिल्म एक नए विषय पर आधारित है और किसी नई चीज को देखने के लिए लोगों में उत्साह होता हैं वहीं फिल्म में सस्पेंस भी पूरी तरह बरकरार रहता है जिससे दर्शक जुड़ सके।

इसके अलावा अगर आपको नसीर और अरशद की जोड़ी देखना पसंद है तो आप इस फिल्म को जरूर देखें।