रायपुर। छत्तीसगढ के बलरामपुर जिले में बहुचर्चित मीना खलको मुठभेड मामले
में अपराध अनुसंधान विभाग ने घटना के पांच साल बाद थाना प्रभारी को हत्या
के मामले में गिरफ्तार किया है। खेस को अदालत में प्रस्तुत किया गया है
जहां से उसे 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
छह जुलाई वर्ष 2011 में चांदो पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत करचा गांव के
करीब पुलिस दल ने मुठभेड में 16 वर्षीय नक्सली मीना खलको को मार गिराने का
दावा किया था। पुलिस के मुताबिक नक्सलियों ने जब पुलिस दल पर गोलीबारी की
तब पुलिस दल ने जवाबी कार्रवाई में मीना को मार गिराया था।
घटना के बाद मीना खलको के परिजनों और अन्य ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप
लगाया कि पुलिस ने फर्जी मुठभेड में मीना को मार गिराया है। वहीं उन्होंने
मीना के नक्सली होने से भी इंकार किया।
जब इस मामले में विपक्षी दल
कांग्रेस और अन्य सामाजिक संगठनों ने पुलिस पर मीना खलको की हत्या का आरोप
लगाया और निष्पक्ष जांच की मांग की तब राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त जिला और
सत्र न्यायाधीश अनिता झा के नेतृत्व में न्यायिक जांच की घोषणा की।
वर्ष 2015 में जांच रिपोर्ट में कहा गया कि राज्य सरकार इस मामले में फिर
से जांच कराए। आयोग ने यह भी कहा कि मीना की मौत पुलिस की गोली से हुई है।
बाद में सीआईडी ने मीना की हत्या का मामला दर्ज किया और मामले की जांच शुरू
की गई। सीआईडी ने मीना खलको हत्या मामले में खेस समेत 25 पुलिस कर्मियों
पर इस घटना में शामिल होने की बात कही। वहीं जांच के बाद तीन पुलिस
कर्मियों के खिलाफ मीना की हत्या का मामला दर्ज किया गया।
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