एक दादरी का, दूसरा बाबरी का दोषी: मदनी

www.khaskhabar.com | Published : शनिवार, 11 फ़रवरी 2017, 7:40 PM (IST)


आजमगढ़। एक दादरी का तो दूसरा बाबरी का दोषी है। यही वजह है कि मुस्लिम विरोधी इन दोनों दलों कांग्रेस व सपा ने समान विचारधारा की वजह से हाथ मिलाया है। यह दोनों दल भी मुसलमानों के उतने ही विरोधी हैं जितनी भारतीय जनता पार्टी है। इसी वजह से उनके संगठन ने यह फैसला किया कि इस गठबंधन को रोकने के लिए धर्म निरपेक्ष बहुजन समाज पार्टी को समर्थन दे दिया जाये।


यह बातें शनिवार को राष्ट्रीय उलमा कौंसिल के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना ताहिर मदनी ने कही। वह शनिवार को शहर के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। श्री मदनी ने कहा कि दादरी काण्ड में मुसलमानों का खून बहाया गया है। यह काण्ड समाजवादी पार्टी की अखिलेश सरकार में हुआ और इसे इस देश का मुसलमान भूल नहीं सकता है। इसके बावजूद समाजवादी पार्टी मुसलमानों के हितैषी होने का झूठा व अर्नगल प्रलाप करती रहती है। उनके दिन गुजर चुके हैं और अब जनता उनकी बातों पर यकीन करने वाली नहीं है। खुद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सपा की बागडोर थामने वाले अपने पुत्र अखिलेश यादव को मुस्लिम विरोधी होने का सर्टिफिकेट दे दिया है। एक पिता से अधिक अपने बेटे को और कोई नहीं समझ सकता है। ऐसी स्थिति में प्रदेश का मुसलमान भला अखिलेश पर कैसे भरोसा करेगा। श्री मदनी ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने वर्ष 2012 के विधानसभा के आम चुनाव में मुसलमानों से 12 वादे किये थे। उनमें से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया। आरबी फारसी विश्वविद्यालय बसपा ने बनवाया और सपा के लोग अपना बताकर वाहवाही लूट रहे हैं। उन्होंने ने कहा कि बसपा ने अल्पसंख्यकों के भले के लिए अल्पसंख्यक विभाग को अलग किया। इसके विपरीत अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में मुसलमानों के लिए एक भी काम नहीं किया। श्री मदनी ने कहा कि मुलसमानों की बदहाली के लिए कांग्रेस पूरी तरह से जिम्मेदार है। कांग्रेस के साथ गठबंधन करके सपा को कोई फायदा होने वाला नहीं है। इस गठबंधन की वजह से मुलसमान सपा से जरूर दूर हो गया है। उन्होंने कहा कि सपा और बसपा की सरकारों में तुलना करें तो बसपा का रिपोर्ट कार्ड बेहतर रहा है। चाहे विकास का मामला रहा हो गया फिर कानून व्यवस्था का। सपा सरकार में सिर्फ दंगे हुये हैं और आम मुलसमान ठगा गया है।



उन्होंने कहा कि देश में कांग्रेस की सरकार के रहते बाबरी मस्जिद ढहायी गयी। इन स्थितियों के बीच गठबंधन का एक घटक सपा अगर दादरी का दोषी है तो दूसरी कांग्रेस बाबरी की दोषी। इन स्थितियों के बीच देश और प्रदेश का मुलसमान इस गठबंधन पर कत्तई भरोसा नहीं कर सकता है। श्री मदनी ने कहा कि भाजपा लोगों को असल मुद्दे से भटकाने के लिए गोहत्या, लव जेहाद व तीन तलाक जैसे मुद्दों को उठायी। चुनाव का मुद्दा गरीबी, बेरोजगारी व विकास होना चाहिए। कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाना चाहिए। हम साफ सुथरी राजनीति में भरोसा करते हैं इसी वजह से हमारे गठबंधन का मुद्दा विकास व कानून व्यवस्था होगा। उन्होंने कहा कि उलेमा कौंसिल ने आठ साल तक जनता के बीच उनके हितों की रक्षा के लिए संघर्ष किया है। गठबंधन से पहले हमारा दल 84 सीटों पर प्रत्याशी उतारने वाला था लेकिन अब हमने बसपा को समर्थन दे दिया है और कोई भी प्रत्याशी नहीं उतारेंगे। उन्होंने कहा कि हमने बसपा को बाहर से समर्थन दिया है। सरकार में भी हम शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे गठबंधन का प्रभाव सिर्फ यूपी में ही नहीं बरन देश की राजनीति में भी देखने को मिलेगा। हमारे समर्थन के बाद ही बरेलवी, शाही इमाम आदि ने बसपा को समर्थन किया।

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