जयपुर/डूंगरपुर। राज्य के दक्षिणाचंल डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा जिलों के मध्य माही-सोम-जाखम नदियों के पवित्र जलसंगम तीर्थ स्थल बेणेश्वर धाम पर चल रहा जनजातियों का महाकुंभ बेणेश्वर मेला गुरुवार शाम सांस्कृतिक संध्या के उल्लास भरे रंगों से सराबोर गया।
जिला प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार से प्रारंभ हुई तीन दिवसीय रात्रिकालीन सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रमों के तहत गुरुवार शाम देश के विभिन्न भागों से आए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्यातनाम कलाकारों द्वारा दी गई मनोहारी प्रस्तुतियों से एक यादगार शाम बन गई और इन प्रस्तुतियों में पूरे देश की संस्कृति का उल्लास नजर आया।
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बेणेश्वर धाम पर बने मुक्ताकाशी रंगमंच पर पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक
केन्द्र उदयपुर के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से अपार जनसमूह का भरपूर
मनोरंजन किया तथा दर्शकों ने करतल ध्वनि से प्रस्तुतियों की सराहना की।
सांस्कृतिक संध्या के दौरान पड़ोसी राज्य गुजरात से आए ख्याति प्राप्त
कलाकारों द्वारा दी गई केरवानों वेश, रास एवं गरबा की प्रस्तुतियों पर
दर्शक झूम उठे, वहीं राजस्थान के जोधपुर से आई कलाकार पूजा द्वारा प्रस्तुत
कालबेलिया नृत्य के करतबों ने समस्तजन को रोमांचित कर दिया।
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राजस्थान
की ही संस्कृति को प्रस्तुत करते बारां के तेजकरण के नेतृत्व में दल द्वारा
मनोहारी चकरी नृत्य पर उपस्थित दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। सांस्कृतिक संध्या
में सायरा गांव उदयपुर के पूरणदास एवं दल, जिला डांग गुजरात से आए पवन
बागुल एवं दल, महाराष्ट्र के शाहीर आदिनाथ विभूते, मध्यप्रदेश के सागर जिला
से आए कलाकार उमेश नाम देव सहित अन्य स्थानों से आए कलाकारों ने प्रस्तुति
दी।