मुलायम के प्रचार न करने से सपा को होगा नुकसान

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2017, 10:22 AM (IST)

अभिषेक मिश्रा,लखनऊ।समाजवादी परिवार की रार कहें या भविष्य की राजनीति। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने फिलहाल यूपी में हो रहे विधानसभा चुनाव में अभी तक पार्टी प्रत्याशियों का प्रचार करने से दूरी बना रखी है। खासकर मुस्लिम बहुल पश्चिमी यूपी के जिलों में उनके इस कदम के राजनीतिक हलकों में अपने अपने तरीके से मततब निकाले जा रहे हैं। हालांकि पहले मुलायम ने सपा कांग्रेस गठबंधन के लिए प्रचार नहीं करने का फैसला किया फिर बाद में अपने फैसले को बदलते हुए कहा कि वह 11 से प्रचार करेंगे। लेकिन अभी तक इसमें संशय है कि वह प्रचार करेंगे। समाजवादी पार्टी का कांग्रेस से गठबंधन करने के बाद पश्चिमी यूपी सत्तारूढ़ पार्टी सपा के लिए अहम पड़ाव है।


पश्चिमी यूपी के 26 जिलों में पहले व दूसरे चरण में मतदान होना है। पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार गुरूवार को थम गया तो दूसरे चरण के लिए 13 फरवरी को प्रचार रुकेगा। इन जिलों में राज्य की 140 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से अधिकांश पर मुस्लिम वोटरों की निर्णायक भूमिका मानी जाती है। पिछले चुनाव में समाजवादी पार्टी ने इन 140 सीटों में से 64 सीटों पर कब्जा किया था। मुस्लिम समुदाय का समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर ज्यादा भरोसा माना जाता है। मगर इस चुनाव में मुलायम की इस क्षेत्र से दूरी बनाना मुस्लिमों के दिमाग को मथ रहा है। मुलायम सिंह यादव ने पहले कांग्रेस से हुए सपा के गठबंधन पर नाराजगी जाहिर की। दो दिन बाद ही गठबंधन के पक्ष में बोले और चुनाव प्रचार करने की बात कही। बावजूद इसके मुलायम ने पश्चिमी यूपी तो क्या अभी किसी दूसरे क्षेत्र में भी प्रचार नहीं किया है। मुलायम के पश्चिमी यूपी में प्रचार से दूरी रखने की एक वजह अतीत में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे को भी बताया जा रहा है। ऐसे में सपा खेमे में बेचैनी महसूस की जा रही है।


हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस से हुए गठबंधन के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की उम्मीद बांधे हुए हैं। इटावा में मुलायम के लोगों के लिए नया दफ्तर खोला गया है। मुलायम के करीबी लोकदल या दूसरे अन्य दलों से चुनावी ताल ठोंक रहे हैं।

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खुद मुलायम के अनुज शिवपाल सिंह यादव ने भी अपने को सिर्फ जसवंतनगर तक सीमित कर लिया है। वे अपने को मुलायम का वफादार और भतीजे अखिलेश यादव को गुनहगार बताने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। तो मुलायम ने भी शिवपाल सिंह यादव के समर्थन में ही 11 फरवरी को जसवंतनगर और 13 को इटावा में चुनावी सभाएं करने का भरोसा फिलहाल दिया है।

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