एक ओर मासूम को दागा गर्म सलाखों से, अस्पताल में भर्ती

www.khaskhabar.com | Published : सोमवार, 30 जनवरी 2017, 11:08 PM (IST)

भीलवाड़ा। जिले में अंधविशवास का दंश रूकने का नाम नहीं ले रहा है। भीलवाड़ा महात्मा गाधी चिकित्सालय में अब गर्म सलाखों से दागने का 24 घण्टे के भीतर दूसरा मामला सामने आया है। जहां निमोनिया ठीक करने के नाम पर एक 4 माह के गर्म सलाखों से दागने गंभीर हालत में बालिका को भर्ती करवाया।
भीलवाड़ा में रविवार को एक बालक को जहां गर्म सलाखों से दागने के बाद भर्ती करवाया गया था। वहीं 24 घण्टे बाद ही सोमवार को मध्यप्रदेश के गुना जिले के फतेहगढ निवासी चार माह की परी का दागने के बाद भर्ती करवाया हैं। ऐसे ही 15 जनवरी को बनेडा कस्बे की रहने वाली दो वर्षिय बच्ची पुष्पा बैरवा की दागने के बाद मौत हो गयी थी। महात्मा गांधी चिकित्सालय में इस माह में अब तक कुल 4 बच्चे भर्ती हो चूके हैं। इनमें 19 अक्टुबर लादुवास रेखा,13 जनवरी को बनेडा निवासी रेखा, 29 जनवरी को गंगापुर थाने के चावण्डिया ग्राम निवासी राजू व 30 जनवरी को एमपी के फतेहगढ निवासी परी को भर्ती क्रवाया गया है। महात्मा गांधी चिकित्सालय में साल भर में करीब 90 से अधिक मामले ऐसे आते हैं। परी की मॉ पिंकी ने कहा कि इस निमोनियां हो गया था ओर मेरी सांस इसे हम बिना बताये कहीं ले गयी। जब वह वापस इसे लायी तो इसके डांव लगे हुए थे। महिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्षा सुमन त्रिवेदी ने कहा कि बालिका के एक नहीं करीब 7 बार गर्म सलाखों से डांव लगाये गये है। यह सब अंधविश्वास और अशिक्षा के चलते हो रहा है। इसमे प्रभावी कानून भी है लेकिन फिर भी ग्रामीण इलाकों में ये बदस्तुर जारी है। वहीं प्रतापनगर थाना प्रभारी नवनीत व्यास ने कहा कि ये परिवार यहां फैक्ट्री में कार्य करता है और आज ही गांव से यहां पर आये है। पिकी ने यह बताया है कि उनके गांव में यह परम्परा है कि बच्चा बिमार होने पर यह डांव लगाया जाता है। मामला कोटा जिला होने के कारण हमने मामला दर्ज करके वहां भिजवायी जायेगी। अब सोचने वाली बात यह है कि आखरी कब तक ये बच्चे अशिक्षा और अंधविश्वास के चलते यूंही गर्म सलाखों से दागे जायेगें।

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