वास्को। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने उन अटकलों पर विराम लगा दिया है जिसमें कहा जा
रहा था कि उनकी पार्टी बीजेपी से नजदीकियां बढा रही हैं। पवार ने साफ कहा
कि एनसीपी भगवा पार्टी का कभी समर्थन नहीं करेगी और न कभी धर्मनिरपेक्षता
पर सांप्रदायिक ताकतों के साथ हाथ मिलाएगी।
रविवार रात गोवा के वास्को में अपने एक उम्मीदवार के समर्थन में चुनावी
रैली में उन्होंने कहा कि ऎसे अफवाह फैलाई जा रही थी कि एनसीपी बीजेपी के
करीब आ रही है, यह बिल्कुल झूठ है। एनसीपी कभी बीजेपी का समर्थन नहीं
करेगी। उन्होंने कहा, हम कभी धर्मनिरपेक्षता के नाम पर समझौता नहीं करेंगे।
एनसीपी कभी सांप्रदायिक ताकतों का साथ नहीं देगी। जो लोग सांप्रदायिकता
फैला रहे हैं,हम उनके साथ नहीं आएंगे।
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हाल ही सरकार ने पद्म सम्मानों का ऎलान किया था, जिसमें एनसीपी के अध्यक्ष
को पद्म विभूषण सम्मान से नवाजा गया था। पवार की पार्टी पर और उसके नेताओं
पर कभी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीखे हमले किए थे। प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने 12 अक्टूबर, 2014 को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए
प्रचार करते हुए एनसीपी को नैचुरली करप्ट पार्टी करार दिया था।
हालांकि उसी
समय शरद पवार ने कहा था कि वह निजी हमले कर पीएम के पद की गरिमा का अपमान
कर रहे हैं। मोदी ने प्रचार के दौरान कहा था कि यह (एनसीपी) एक राष्ट्रवादी
पार्टी नहीं, बल्कि एक भ्रष्टाचारवादी पार्टी है।
इसे लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी पर निशाना साधा व ट्वीट कर कहा था कि शरद पवार को पद्म विभूषण देने की
हिम्मत दिखाने के लिए पीएम मोदी को भारत रत्न मिलना चाहिए।
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