नई दिल्ली। आम बजट से पहले भाजपा जहां पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को विजय
माल्या मामले में घेरने की कोशिशों में जुटी है,सोमवार को कांग्रेस ने मोदी
सरकार पर बडा हमला बोलते हुए सरकार पर आर्थिक मोर्चे पर पूरी तरह फेल होने
का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस में एक आर्थिक दस्तावेज जारी करते
हुए सरकार को घेरने का प्रयास किया। साथ ही विजय माल्या के साथ पूर्व पीएम
मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बीच हुए पत्राचार के
बीजेपी के आरोपों पर भी खुलकर जवाब दिए।
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा,वर्तमान में भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी
स्थिति में नहीं है और वर्तमान एनडीए सरकार आर्थिक मोचों पर असफल साबित
हुई है।
माल्या को मदद के आरोप नकारे...
[@ UP ELECTION: मैनचेस्टर के मतदाताओं को नहीं लुभा पाए निर्दलीय]
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, हमारे द्वारा जो दस्तावेज
पेश किए जा रहे हैं उनमें भारत की अर्थव्यवस्था की हालत की चर्चा की गई है।
यह रिपोर्ट पूरी रिसर्च और आर्थिक आंकडों के साथ यह साबित करती है कि
सरकार लोगों को भ्रम में डाल रही है।
माल्या को मदद करने के बीजेपी के आरोपों पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने
कहा,यह सभी लेटर्स सामान्य थे और इसमें कुछ भी गलत या गैरकानूनी नहीं किया
गया। उन्होंने कहा, सामान्य तौर पर कई उद्योगपति प्रधानमंत्री कार्यालय और
मंत्रालयों को पत्र लिखते हैं जिन्हें आगे संबंधित अधिकारियों को भेज
दिया जाता है। चिदंबरम ने सवाल किया, क्या मोदी सरकार ऎसे पत्रों पर जवाब
नहीं देती। ये सवाल भी किया कि मोदी सरकार ने माल्या को देश से क्यूं जाने
दिया।
जीडीपी आंकडों में हेर-फेर,नौकरियां घटीं
...
[@ ...और टोटके से दूर हो गया जानवरों का रोग!]
मोदी सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए चिदंबरम ने कहा, जिस तरह सरकार अपनी
आर्थिक सफलता के दावे कर रही है तो सरकार को बताना चाहिए कि नए रोजगार के
अवसर कहां हैं, नया पूंजी निवेश क्यों नहीं आया। बिजनस की संभावनाएं कैसे
बढेंगी। चिदंबरम ने कहा,यूपीए की सरकार ने अपने कार्यकाल में 7.5 फीसदी के
औसत से जीडीपी ग्रोथ रेट बनाए रखी थी और लगभग 4 करोड लोगों को गरीबी से
बाहर निकाला था। वर्तमान सरकार को पूर्ववर्ती सरकार को इस मामले में पीछे
छोडना चाहिए था लेकिन इन्होंने जीडीपी के बेस इयर और आंकडों में हेर-फेर कर
जीडीपी को बढाकर दिखाने का प्रयास किया।
उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगाया पिछले दो साल में आर्थिक ग्रोथ रेट और
नवीन रोजगार सृजन की दर लगातार कम हो रही है। चिदंबरम ने कहा,हाल में लेबर
ब्यूरो ने बताया है कि पिछले साल जुलाई-सितंबर की तिमाही में केवल 77,000
नए रोजगारों का सृजन हुआ जिसमें से 50 हजार रोजगार सरकारी क्षेत्र के थे।
वहीं, क्रेडिट ग्रोथ रेट भी 5 फीसदी के निचले स्तर पर है जो पिछले कई दशकों
में न्यूनतम है।
[@ तीन पार्टियों ,दो मुख्यमंत्रियों और एक पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा का प्रश्न बना चुनाव ]
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