डर्टी पॉलिटिक्स, विरोधी को मात देने के लिए किसी भी हद तक जाने से कोई गुरेज नहीं

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 29 जनवरी 2017, 5:35 PM (IST)

बलवंत तक्षक
चंडीगढ़। पंजाब मेंइन दिनों चुनावी युद्ध है और युद्ध में सब जायज है। विरोधी को मात देने के लिए कोई किसी भी हद तक जानेको तैयार है। यहां तक कि अपनी ही पार्टी के सांसद को नंगा करने से भी परहेज नहीं किया गया है। इस समय सारी चर्चा सांसद शेरसिंह घुबाया के बारेमें वायरल हुए एक सेक्स वीडियों को ले कर है। घुबाया फिरोजपुर क्षेत्र से अकाली दल के सांसद हैं और उनके बेटे दविंदर सिंह घुबाया फाजिल्का विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। घुबाया का अकाली दल से सांसद बनना और उनके बेटे के कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरना उनके विरोधियों को रास नहीं आया और मतदान से कुछ दिन पहले एक सेक्स वीडियो जारी कर उन्होंने घुबाया को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। विरोधियों को लगता है कि घुबाया का सारा समय अब सेक्स वीडियो केबारे में सफाईदेने में ही बीत जाएगा।
मोबाइल फोन्स पर जैसे ही शुक्रवार को घुबाया का सेक्स वीडियो वायरल हुआ, अकाली सांसद ने बिना दर किए अपनी सफाई में कहा, वीडियो फर्जी है। सुखबीर सिंह बादल ने साजिश के तहत इसे वायरल करवाया है, ताकि चुनाव में फायदा उठाया जा सके। इस मौके पर घुबाया के साथ उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के खिलाफ जलालाबाद से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिटटू भी थे। घुबाया ने कहा, अकाली दल को अपनी हार साफ नजर आ रही है, इसलिए ओछेहथकंडे अपनाये जा रहे हैं। बिट्टू ने कहा कि चुनाव आयोग को चाहिए कि इस वीडियो की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाई जाए।
घुबाया ने अपनी जान को खतरा बतातेहुए केंद्र से सुरक्षा मुहैया करवायेजाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वे अभी अकाली दल में ही हैं और अगले लोकसभा चुनाव तक अकाली दल में रहते हुए ही अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। दरअसल, अकाली दल के कार्यकर्ताओं में घुबाया के प्रति नाराजगी है। खुद घुबाया अकाली दल में हैं, लेकिन परिस्थितियों को सम­ाते हुए उन्होंने अपने बेटे दविंदर सिंह को फाजिल्का से कांग्रेस टिकट पर मैदान में उतार दिया है। घुबाया को अगर अकाली दल पार्टी से निकाल देता है तो वे सांसद बने रहेंगे, लेकिन खुद अकाली दल छोड़ते हैं तो उन्हें लोकसभा से इस्तीफा देना पड़ेगा और ऐसा वे करेंगे नहीं। अगले लोकसभा चुनाव में वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं।
दरअसल, घुबाया राय सिख जाति से हैं और जलालाबाद सहित आसपास के चार विधानसभा क्षेत्रों में उनका अच्छा खासा प्रभाव है। उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल जलालाबाद क्षेत्र से बड़े भारी अंतर से चुनाव जीतते रहे हैं और इसमें घुबाया की बड़ी भूमिका मानी जाती रही है। इस चुनाव में उनका अकाली दल के खिलाफ अपने बेटे को चुनाव लड़ाना सुखबीर समर्थकों को नहीं भाया है। उनके खिलाफ चलाये गये अभियान को इसी नजर से देखा जा रहा है।
हालांकि, घुबाया ने सुखबीर बादल पर सेक्स वीडियो जारी करवाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है, लेकिन शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष जूनियर बादल ने अपनी तरफ सेइस मामले में कोई प्रतिक्रिया जाहिर नहीं की है। अकाली दल के दूसरे नेताओं ने भी इस मसले पर चुप्पी साध रखी है, पर भाजपा केपूर्व अध्यक्ष व घुबाया के चुनाव इंचार्ज रह चुके मनोज त्रिपाठी ने कहा है कि उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। घुबाया ने संसद की गरिमा को तार-तार कर दिया है। जो वीडियो जारी हुआ है, उसे घुबाया नकार नहीं सकते। एक साजिश के तहत वीडियो जारी करने के घुबाया के आरोपों पर त्रिपाठी ने कहा है कि सांसद को हकीकत से मुंह नहीं मोड़ना चाहिए।
गौरतलब है कि जलालाबाद क्षेत्र में इस बार सुखबीर बादल को तिकोने संघर्षका सामना करना पड़ रहा है। आमतौर पर आसानी से अपनी सीट निकाल लेने वाले जूनियर बादल को कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू और आप के उम्मीदवार सांसद भगवंत मान से लोहा लेना पड़ रहा है। जूनियर बादल के लिए यह मुश्किल दौर हैऔर वे कभी नहीं चाहेंगे कि उनके विरोधी घुबाया के बेटेदविंदर सिंह कांग्रेस टिकट पर विधानसभा में पहुंच जाएं और वे अपने विरोधियों के हाथों मात खाएं। मतदान चार फरवरी को होना है और इस दौरान न जाने डर्टी पॉलिटिक्स के और कितने रूप सामनेआएंगे।

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