आगरा। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में परिवारों के बीच विचारधारा
की लड़ाई देखने को मिलेगी। यही कारण है कि इस चुनाव में पिता के खिलाफ बेटा चुनाव लड़ेगा,
वहीं कुछ सीटों पर पत्नी के खिलाफ पति मोर्चा खोलते हुए दिखाई देंगे। बाह विधानसभा
सीट से वर्तमान विधायक राजा अरिदमन सिंह ने अपनी पत्नी भाजपा प्रत्याशी रानी पक्षालिका
सिंह के खिलाफ निर्दलीय पर्चा भर दिया है।
जांच के दौरान दोनों के पर्चे सही पाए गए
हैं। राजा अरिदमन सिंह ने पर्चा क्यों भरा? इस पर वह बोलने को तैयार नहीं हैं।
हालांकि, उनके समर्थकों का कहना है कि चुनाव आयोग के नियमों के पेंच से बचने के लिए
ऐसा किया गया है।
आगरा दक्षिण सीट से भाजपा प्रत्याशी योगेंद्र उपाध्याय और उनकी पत्नी
प्रीति उपाध्याय चुनावी मैदान में हैं। अब तक चुनाव में एक-दूसरे का साथ देने वाला
यह दंपत्ति अब एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक इन्हें सिर्फ
एक चुनावी हथकंडे से ज्यादा कुछ नहीं मानते हैं। बाह से बसपा प्रत्याशी मधुसूदन शर्मा
की पत्नी मंजू मधुसूदन भी चुनावी रथ पर सवार हो गई हैं। वह भी पत्नी के खड़े होने पर
कुछ नहीं बोल रहे। जसराना से विधायक रामवीर सिंह यादव का टिकट अखिलेश यादव ने काट दिया।
इसके बाद उन्होने लोकदल से पर्चा भर दिया।
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उनके खिलाफ उनके बेटे अमोल यादव ने भी निर्दलीय पर्चा भरकर चुनाव को काफी रोचक बना दिया है।
अमोल यादव को शिवपाल यादव ने फिरोजाबाद यूनिट का जिलाध्यक्ष बनाया था, लेकिन अखिलेश नेतृत्व आते ही उन्हें हटा दिया गया। अब पिता-पुत्र चुनावी मैदान में आमने-सामने होंगे।
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