मिलिये 94 साल के पंचम सिंह से, जिनसे कांपता था चंबल

www.khaskhabar.com | Published : रविवार, 22 जनवरी 2017, 9:33 PM (IST)

हाथरस। किसी ने कहा है कि परिस्थतियां आने पर कोई टूट जाता है , लेकिन कोई रिकार्ड तोड़ देता है। यह सब विचारों का ही खेल है। आइये मिलते हैं एक ऐसे शख्स से जिन्होंने परिस्थितियों को अपने अनुकूल कर लिया और अब वे दूसरों को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे रहे हैं।

इन शख्स का नाम है पंचम सिंह। 94 वर्ष के पंचम सिंह ने अपने पुराने जमाने में चम्बल घाटी को थर्रा कर रखा था। सैकड़ों हत्याओं, डकैतियों के लिए उनका नाम पुलिस डायरी में दर्ज रहा है। पूर्व डाकू पंचम सिंह ने ख्रुद काे बदला और वे वर्तमान में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हैं। इन्होंने न केवल अपना जीवन परिवर्तन किया, बल्कि अपने अनुभवों के आधार पर भारत के 25 प्रान्तों में यात्रा करके दिनभर मात्र सलाद खाकर लोगों के बीच में जाकर अपने अनुभवों को बाँटा। उन्होंने लोगों को अपराध की दुनिया से दूर रहकर सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान दी।

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्वालय के यहां अलीगढ़ रोड पर ब्रह्माकुमारीज़ मार्ग स्थित आनन्दपुरी कालोनी की राजयोग शिक्षिका बी.के.शान्ता बहिन के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रमों की शृंखला में रविवार को हाथरस जंक्शन, रामपुर, पुष्प विहार कालोनी, साकेत कालोनी में सत्संग समागम किया गया।

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हाथरस जंक्शन के रामपुर में ब्रह्माकुमारीज़ केन्द्र पर बी.के. मीना बहिन के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि परिस्थितियाँ सभी के सामने आती हैं। इंसान परिस्थतियों के आगे बन्दर की तरह नाचता है। परिस्थितियों से कहानी बन जाती है। यदि आत्मा का कनेक्शन परमपिता परमात्मा के साथ हो जाए तो उनकी असीम शक्ति से आत्मा सतोप्रधान बन जाती है, जैसा कि मेरे साथ हुआ। कार्यक्रम का प्रबन्धन यशोदा बहिन एवं एडवोकेट किशन सिंह ने किया।


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पुष्पविहार कालोनी में पंचम सिंह का स्वागत
पुष्पविहार कालोनी में पहुंचने पर बी.के.पंचम सिंह का स्वागत बीएसएनएल के पूर्व कर्मचारी चन्द्रपाल शर्मा ने किया। बी.के. राजेश ने शॉल पहनाकर अभिनन्दन किया। इस अवसर पर बी.के. सुशीला बहिन ने कहा कि नारी में यदि पवित्रता का बल है तो वह सबला दुर्गा बन जाती है और उसकी पूजा होती है यदि नारी की पवित्रता में कमी आती है तो वह अबला बन जाती है। इस अवसर पर बी.के. पंचम सिंह ने कहा कि वेदों में, शास्त्रों पुराणों में सभी में ब्रह्मचारी जीवन की प्रेरणा प्रदान की है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की बहिनों द्वारा पूर्ण ब्रह्मचारी जीवन की शिक्षा मिलती है। आज उसी पवित्रता की दौलत से मेरा शरीर 94 वर्ष की आयु में भी निरोगी है।
कार्यक्रम में चकबन्दी के पूर्व सी.ओ. कान्ति प्रसाद शर्मा ने कहा कि ईश्वरीय शक्ति जिसके साथ होती है जिस प्रकार बीके पंचम सिंह के साथ देवी के रूप में थी वही सन्मार्ग पर आगे बढने की प्रेरणा देती है जिसकी वजह से इन्होंने अपने डाकू जीवन में भी अच्छाईयों को नहीं छोड़ा। इधर साकेत कालोनी में पंचवटी पर बीके यतेन्द्र आर्य, प्रेम कुमारी के सानिध्य में आयोजित कार्यक्रम में भी बी.के. पंचम सिंह ने अपने लगभग दो दशक के डाकू जीवन के अनुभवों को साझा किया और लोगों को गुस्सा आदि में आकर अपराध में लिप्त न होकर भारत के संविधान का पालन करने की प्रेरणा दी।

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