सपा में अखिलेश युग का सूत्रपात, इन पांच नेताओं के आए ‘अच्छे दिन’

www.khaskhabar.com | Published : बुधवार, 18 जनवरी 2017, 2:41 PM (IST)

लखनऊ। समाजवादी पार्टी में पिछले कई दिनों से चले आ रहे दंगल का सोमवार को चुनाव आयोग के आदेश से फैसला हो गया। साइकिल निशान और पार्टी की हो गई है। इसके बाद यह साफ हो चुका है कि सपा अब अखिलेश के मुताबिक चलेगी। चुनाव आयोग के फैसले के बाद अब यह तय है कि समाजवादी पार्टी में काफी कुछ बदलता नजर आएगा।
अमर सिंह ने भी की तस्दीक
सोमवार को चुनाव आयोग के फैसले के बाद मंगलवार को अमर सिंह ने मीडिया में अपनी बात रखी। अमर सिंह ने कहा, ‘मैं समाजवादी पार्टी से निष्कासित हूं, मैं इसे स्वीकार कर चुका हूं। पार्टी में एक युग का परिवर्तन हो चुका है। यह मुलायम युग नहीं, अखिलेश युग है। मैं अब अखिलेश को सलाह तो दे सकता हूं लेकिन उनके साथ काम नहीं कर सकता।’
अखिलेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि कई नेताओं का प्रमोशन होगा जबकि कुछ ऐसे भी होंगे जिन्हें डिमोशन का वार झेलना होगा। पार्टी में इस बदलाव के बाद अब ये नेता होंगे शिखर पर-

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रामगोपाल यादव- अखिलेश की सपा में प्रो. रामगोपाल यादव नंबर 2 की पोजिशन पर होंगे। रामगोपाल ही एकमात्र शख्स थे जो लगातार अखिलेश की तरफदारी करते रहे। सितंबर के महीने में जब परिवार में पहली बार तल्खी सामने आई तब भी रामगोपाल अखिलेश के साथ थे और पार्टी से बर्खास्त किए जाने के वक्त भी। यह भी बता दें कि रामगोपाल यादव ही वह शख्स थे जिन्होंने अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने की पैरवी की थी। यहां यह भी गौर करने वाली बात है कि रामगोपाल मुलायम सिंह की सपा में भी नंबर 2 की ही हैसियत रखते थे, लेकिन पिछले काफी समय से मुलायम से उनके रिश्ते मधुर नहीं थे। रामगोपाल इस दौरान कई बार पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के आरोप के साथ पार्टी से बाहर किए जा चुके हैं। हालांकि हर बार अखिलेश के दबाव के चलते पार्टी में उनकी वापसी होती रही। अब सपा में अखिलेश के बाद रामगोपाल ही ऐसे शख्स होंगे जो राष्ट्रीय और प्रदेश दोनों ही स्तर पर सक्रिय नजर आएंगे।

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किरणमय नंदा- मुलायम सिंह यादव के खासमखास रहे किरणमय नंदा अब अखिलेश के पाले में हैं। 1 जनवरी को लखनऊ में हुए विशेष अधिवेशन में उन्होंने अखिलेश को आशीर्वाद दिया था, जिसके बाद मुलायम सिंह यादव ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। किरणमय नंदा मुलायम सिंह के साथ उस वक्त से थे जब सपा अस्तित्व में भी नहीं आई थी। किरणमय नंदा पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। नंदा सपा के संसदीय बोर्ड के भी सदस्य हैं। चुनाव आयोग में अखिलेश का पक्ष रखने किरणमय नंदा भी गए थे। अब माना जा रहा है कि किरणमय नंदा को अखिलेश अहम जिम्मेदारी दे सकते हैं।

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नरेश अग्रवाल- कई बार पार्टी बदल चुके नरेश अग्रवाल भी समाजवादी दंगल के दौरान अखिलेश के समर्थन में खड़े नजर आए। राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल चुनाव आयोग भी गए थे। इसके अलावा अपने तीखे बयानों से मुलायम खेमे का मनोबल गिराते रहे। आपको याद दिला दें कि मुलायम सिंह ने किरणमय नंदा के साथ-साथ नरेश अग्रवाल को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अपनी बर्खास्तगी पर नरेश ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि हमें निकालने का अधिकार नेता जी के पास नहीं है। नरेश अग्रवाल सत्ता की आहट पहचानने में माहिर माने जाते हैं। कहा जाता है कि चुनाव पूर्व जिस ओर नरेश अग्रवाल होते हैं जीत उसी की होती है। इस बार भी नरेश अग्रवाल के पाला बदलने की अफवाहें कई बार उड़ीं मगर सच्चाई यह है कि वह फिलहाल सपा में हैं और अखिलेश का झंडा बुलंद कर रहे हैं।

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नरेश उत्तम- नरेश उत्तम समाजवादी पार्टी के एक ईमानदार नेता हैं। नरेश उत्तम भी समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेताओं में से एक हैं। अपने सरल स्वभाव और बेदाग छवि के चलते वह कभी मीडिया की सुर्खियों में नहीं आए। हाल ही में वह खबरों में तब आए जब अखिलेश ने उन्हें उत्तर प्रदेश में पार्टी की बागडोर सौंपी। सपा नेता नरेश उत्तम ने अपनी ताजपोशी के वक्त ही कहा था कि वे अखिलेश के साथ मिलकर किसानों और प्रदेश के विकास के लिए काम करेंगे।

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अभिषेक मिश्रा- अखिलेश के मंत्रिमंडल में शामिल अभिषेक मिश्रा उनके बहुत ही विश्सनीय भी हैं। अभिषेक के बारे में यह भी कहा जाता है कि वह सपा के अगले अमर सिंह हैं। अभिषेक वाक्पटु तो हैं ही, उनके संपर्क भी बड़े हैं। पिछले चार महीनों से छिड़े समाजवादी दंगल में अभिषेक लगातार अखिलेश के साथ नजर आए, चाहे वह रजत जयंती समारोह रहा हो या फिर आपातकालीन अधिवेशन। अखिलेश के ठीक पीछे खड़ा रहने वाला यह शख्स यहां तक कह चुका है कि जरूरत पड़ी तो अखिलेश के लिए जान भी दे सकते हैं। अब देखना होगा कि अखिलेश अपने विश्सनीय को क्या जिम्मेदारी देते हैं।

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