सीएसआर योजना से बदल रही है मेवात की तस्वीर

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 13 जनवरी 2017, 10:41 PM (IST)

नूंह। खदान से निकलने वाले सोने-चांदी को शुद्ध करने वाली विश्व की चैथे नंबर की कंपनी एमएमटीसी पम्प सूबे के सबसे पिछड़े क्षेत्र नूंह के विकास में प्रयत्नशील है। इसके तहत कंपनी करीब 28 हजार छात्र छात्राओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा चुकी है। साथ ही पिछले तीन साल में कंपनी शुद्ध जल की करीब 24 यूनिट स्कूल, काॅलेज, अस्पताल, बार और लघु सचिवालय में लगवा चुकी है। स्किल इंडिया के अलावा कंपनी रक्तदान शिविर, ट्रेफिक व्यवस्था, स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी तीन सालों में तकरीबन 4 करोड़ रुपए के विकास कार्य करा चुकी है। जिस काम को सरकार का जनस्वास्थ्य विभाग अरबों रुपए खर्च करके नहीं कर सका। कंपनी ने उसे चंद करोड़ रुपए में पूरा कर दिखाया है। जिले के हर नागरिक को स्वच्छ और शुद्ध पीने का पानी मिले, यहीं कंपनी के मैनेजिंग डायेरक्टर राजेश खोसला का सपना है। इसके चलते ही पिछड़े इलाके मेवात के लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो, उसे पीने का पानी शुद्ध मिले, इस दिशा मंे काम हो रहा है। कंपनी शुद्ध पेयजल यूनिट लगवाने के साथ उनके रखरखाव की जिम्मेदारी भी निभाता है। कंपनी प्रधान अंकुर गोयल ने पत्रकारों को बताया कि भारत के अलावा एमएमटीसी पम्प मलेशिया, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया, यूके और दुबई सहित कई देशों में कारोबार करती है। यूएस में भी सोने-चांदी के सैंपल भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि तकरीबन 100 टन सोना और 150 टन चांदी हर साल यहां रिफाइन होती है। क्षमता करीब 300 टन सोने और 600 टन चांदी की कंपनी की है। कंपनी में सोने-चांदी के बिस्कुट और सिक्के बनते हैं। कंपनी गायों की सेवा के लिए भी गौशाला को अनुदान देती है। स्वास्थ्य विभाग को भी कंपनी ने चार एम्बुलेंस दी है। जिससे यहां के लोगों को इलाज के लिए एंबुलेंस का लंबा इंतजार नहीं करना पड़े। नूंह बस अड्डे पर सामुदायिक शौचालय तक कंपनी की मदद से बनकर तैयार हुए हैं। इस दौरान देवाशीष भट्टाचार्य, राजेश कुमार सिंह, अजय अहलावत और पंकज देशमुख सहित कंपनी प्रबंधन के कई अधिकारी मौजूद रहे।

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