पाक में बंद जंगी भारतीय जवानों के लिए मनाई लोहड़ी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 13 जनवरी 2017, 10:29 PM (IST)

फरीदकोट। आज पंजाब भर में लोहड़ी का त्यौहार मनाया जा रहा है और अपनी खुशिया एक दूसरे के साथ सांझी कर रहे हैं वही कुछ ऐसे परिवार भी है जिनके अपने आज तक अपनों से न सिर्फ बिछड़े बल्कि दूसरे देश की जेलों में बंद नर्क की ज़िंदगी बीता रहे हैं। वो कोई और नहीं बो लोग है जो देश के लिए जंग लड़े और जंगी कैदी बन सारी उम्र पाकिस्तान की जेलों में काट रहे हैं। उनके परिवारों को अब भी उम्मीद है कि ये जवान घर वापिस या जाये और बाकि की ज़िंदगी अपने बच्चो के साथ गुज़ारे। ऐसे ही आज फ़रीदकोट में उन जवानों के परिवारों की तरफ से यत्न किया गया। इसके तहत उन्होंने पब्लिक के बीच जाकर लोहड़ी का त्यौहार मनाया ताकि पब्लिक भी उनका दर्द समझ सके। इन जंगी कैदियो को समर्पित लोहड़ी का त्यौहार मनाया जिससे लोगो के जरिए उनकी बात सरकार तक पहुंच सके। इस अनोखी लोहड़ी में शहरवासी भी शामिल हुए। इस वक्त जंगी कैदी हवलदार बलविंदर सिंह की बेटी ने कहा के जब उनके पिता 1971 की जंग के बाद पकिस्तान की तरफ से बंदी बनाये गए उसके ढाई महीने बाद वो पैदा हुई और जब से होश संभाला है तब से हम लगातार अपने पिता की रिहाई के लिए संघर्ष कर रही है लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई मदद नही मिली इस लिए हमने पब्लिक को अपने साथ लेकर अपनी आवाज़ सरकार के कानों तक पोहचाने के लिए ये प्रयत्न किया है। उन्हों ने कहा के अगर सरकार चाहे तो हमारे घर वाले भी हमारे पास आ सकते है।
वही पकिस्तान की कोट लखपत ज़ेल में बंद bsf के जवान सुरजीत सिंह के बेटे अमरीक सिंह ने कहा के हमारे पिता जी ही नही और भी कई ऐसे जवान है जो पकिस्तान की जेलों में बंद अपने घर वापसी के इंतज़ार में है और पाक जेलों में नर्क की ज़िंदगी बिता रहे हैं। उन्होंने कहा के पहले वो अकेले था लेकिन अब और भी परिवार उनके साथ मिल कर संघर्ष कर रहे हैं। उन्हों ने सरकार से मांग की के हमारे देश की जंग तो ख़त्म हो गई लेकिन मेरे पिता की जंग जारी है और साथ ही उनकी माता जी भी एक तरह की जंग ही लड़ रही है।
फ़ौज़ के रिटायर्ड कैप्टन धर्म सिंह ने भी इस वक्त सरकार से गुहार लगाते हुए कहा के अब तो उनके घर वालो को घर वापिस लाना चाहिए जिससे अपनी बची ज़िन्दगी अपने परिवारों के साथ बिता सके। उन्होंने लोहड़ी के इस प्रयत्न के लिए ये एक अच्छा यत्न है अपनी आवाज़ लोगो तक पहुंचाने की।

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