मकर संक्रांति की महत्ता पर ज्योतिषियों की राय

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 13 जनवरी 2017, 6:48 PM (IST)

मछलीशहर। हिन्दू धर्म शास्त्रों में मकर संक्रांति का बहुत महत्व माना गया है । शास्त्रों के अनुसार देवताओं के 6 माह के इस प्रथम दिवस में किए गए उपाय बहुत पुण्यदायक होते है।
ज्योतिष शिरोमणि शैलेश मोदनवाल के अनुसार इस दिन कुछ विशेष उपायों को करने से भाग्य प्रबल होता है ,आरोग्य , सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है, पितरों का आशीर्वाद मिलता है एवं समस्त पापों का नाश होता है । पं0 टीपी त्रिपाठी का कहना है कि मकर संक्रांति को सभी जातकों को चाहे वह स्त्री हो अथवा पुरुष सूर्योदय से पूर्व अवश्य ही अपनी शय्या का त्याग करना चाहिए। हर मनुष्य को मकर संक्रांति के दिन स्नान अवश्य ही करना चाहिए । संक्रांति पर्व पर स्नान के संबंध में शास्त्रों में कहा गया है किरवि संक्रमणे प्रासेन स्नानाद्यस्तु मानवः। सप्तजन्मनि रोगो स्द्यान्निर्धनश्चैव जायतेः। अर्थात् सूर्य की संक्रांति के दिन जो मनुष्य स्नान नहीं करता है। वो सात जन्मों तक रोगी रहता है। देवी पुराण में लिखा है कि जो व्यक्ति मकर संक्रांति के दिन स्नान नहीं करता है। वह रोगी और निर्धन बना रहता है। विशेषकर मकर संक्रांति पर तिल-स्नान को अत्यंत पुण्यदायक बतलाया गया है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन तिल स्नान करने वाला मनुष्य सात जन्म तक आरोग्य को प्राप्त करता है, जातक रूपवान होता है उसे किसी भी रोग का भय नहीं होता है।
पं0 मुरारी श्याम पाण्डेय के अनुसार 14 जनवरी को दोपहर 1: 51 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे l अत: संक्रमण काल की बेला में स्नान- दान अक्षय पुण्यदायी माना जाता है। वैसे सूर्योदय से सम्पूर्ण दिन भर इसका पुण्यकाल रहेगा l

[@ सदन में गूंजा डाकू गब्बर सिंह का डायलॉग]