आर्मी चीफ ने पाक को दी साफ चेतावनी

www.khaskhabar.com | Published : शुक्रवार, 13 जनवरी 2017, 5:04 PM (IST)

नई दिल्ली। नए आर्मी चीफ जनरल बिपिन चंद्र रावत ने सीजरफायर उल्लंघन पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसे ऑप्शन अख्तियार करने की चेतावनी दी है। सेना प्रमुख बनने के बाद शुक्रवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने असंतुष्ट जवानों के वीडियो, पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन, ईस्टर्न आर्मी कमांड के प्रमुख के साथ मतभेद समेत विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि असंतुष्ट जवानों की अपनी फरियाद लेकर सोशल मीडिया पर जाने की जरूरत नहीं है। उनकी समस्याएं सुनने के लिए बेहतर व्यवस्था बनाई जाएगी।
पड़ोसी मुल्क की ओर से कई बार सीजफायर उल्लंघन के मामले पर आर्मी चीफ ने कहा, ‘हाल के दिनों में सीजफायर उल्लंघन के मामलों में कमी आई है, मगर ऐसा नहीं हुआ तो सर्जिकल स्ट्राइक जैसे कदम उठा सकते हैं।’ रास्ता भटककर एलओसी के दूसरी ओर पहुंचे भारतीय जवान की रिहाई पर आर्मी चीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने कहा है कि जवान उनके पास है। आर्मी चीफ के मुताबिक, जवान को वापस लाने की एक प्रक्रिया होती है और उसका पालन किया जाएगा। आर्मी चीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के प्रॉक्सी वॉर की वजह से भारत के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंच रहा है।

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सेना प्रमुख ने जवान यज्ञप्रताप सिंह के वीडियो जारी करने पर कहा, सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने की बजाय जवानों को अफसरों को अप्रोच करना चाहिए। बात को बाहर नहीं ले जाना चाहिए। हम जवान के वीडियो की जांच कराएंगे। आर्मी हेडक्वार्टर और बाकी कमांड्स में सुझाव और शिकायत के लिए बॉक्स हैं। जवान चाहें तो शिकायतें उसमें डाल सकते हैं। शिकायतें दूर करने के लिए कार्रवाई होगी। किसी भी जवान को किसी भी तरह की शिकायत हो तो मुझे सीधे कह सकता है। अगर जवान कार्रवाई से खुश नहीं रहता, तो दूसरे रास्ते अख्तियार करने का हक है। उन्होंने कहा, 12 लाख से ज्यादा हमारी फौज है। कई बार शिकायतें होती हैं, लेकिन उसका खुले तौर पर डिटेल नहीं दिया जाता। जवान खुले तौर पर अपनी बात नहीं कह पाते। उनकी बात दबी रह जाती है। सेना प्रमुख ने कहा कि हम सुनिश्चित करेंगे कि शिकायतकर्ता की पहचान उजागर न की जाए।
बता दें कि वीडियो में जवान लांस नायक यज्ञप्रताप सिंह ने अफसरों पर हरेसमेंट का आरोप लगाया था। वीडियो में सिंह ने कहा, ‘लेटर लिखने के बाद पीएमओ की तरफ से जांच करवाने का आर्डर आया। लेकिन मुझे कोर्ट मार्शल के लिए बुला लिया गया। मैंने तो बस यही कहा था कि अफसरों के जूते पॉलिश कराए जा रहे हैं और कुत्तों को घुमाने हमें भेजा जा रहा है।’
मीडिया की भूमिका पर बोले

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सेना प्रमुख ने मीडिया की भूमिका पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने मीडिया के रोल की तारीफ करते हुए कहा, ‘मीडिया लोगों को देश और सेना के बारे में सूचनाएं देने का काम करती है। मीडिया की पारदर्शिता हमेशा उसे सैन्य बलों की सहयोगी बनाती है। ऐसे कई पल आते हैं जब मीडिया और मिलिटरी के बीच सहमति बनती है तो कई जगह असहमतियां होती हैं। ऐसे में एक आम सहमति पर पहुंचना जरूरी है।’ सेना प्रमुख ने मीडिया से सहयोग की भी अपील की।
सेना को सक्षम बनाने की तैयारी
सेना प्रमुख बिपिन चंद्र ने तकनीकी क्रांति का जिक्र करते हुए बताया कि भारतीय सेना को नई चुनौतियों से निपटने के लिए सक्षम बनाया जा रहा है। हथियारों से लेकर हर फील्ड में बेहतर तकनीक इस्तेमाल की जा रही है। सेना प्रमुख ने जवानों या अफसरों से टीम भावना के साथ काम करने की अपील की।
सोशल मीडिया पर निशाना?
आर्मी चीफ ने कहा कि अगर जवानों की समस्या का समाधान आंतरिक रूप से नहीं हो पाता है तब वह चाहें तो इसे किसी भी माध्यम से उठा सकते हैं। उन्होंने इशारों ही इशारों में सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी बात की। सेना प्रमुख ने कहा कि सोशल मीडिया दोधारी तलवार है। इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही पहलू हैं। गौरतलब है कि हाल के दिनों में जवानों ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अपनी शिकायतें सामने रखी हैं।
आर्मी के सामने कई चुनौतियां हैं
सेना प्रमुख जनरल रावत ने कहा, ‘बॉर्डर पर हमारे सामने कई चुनौतियां हैं। प्रॉक्सी वॉर को लेकर भी हम चिंतित हैं। यह देश के माहौल को खराब कर रहा है। हम एक मजबूत आर्मी हैं और देश निर्माण के लिए कमिटेड हैं।’ पाक में पकड़े गए जवान चंदू चव्हाण के बारे में रावत ने कहा, ‘पार सरकार ने भरोसा दिलाया है कि वह उनके पास है। किसी भी अफसर के देश लौटाने का प्रोसीजर होता है। इसी को फॉलो किया जाएगा।’
जनरल बख्शी से विवाद पर भी बोले

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एक सवाल पर आर्मी चीफ ने ईस्टर्न आर्मी कमांडर जनरल प्रवीण बख्शी से जुड़े विवादों पर भी बात की। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, जनरल बख्शी ने नए आर्मी चीफ को अपने पूरे समर्थन की बात कही है, साथ ही आशंका जताई है कि दुर्भावना से उनकी ओर से विरोध की खबरें की जा रही हैं। इस मसले पर आर्मी चीफ ने कहा, ‘जहां तक ईस्टर्न आर्मी कमांडर का मसला है हम हमेशा एक दूसरे के संपर्क में हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि वह सरकार के निर्णय को स्वीकार करते हैं और सेना में अपनी भूमिका अदा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अपनी कमांड को दिए गए संबोधन में भी सरकार के निर्णय को स्वीकार करने की बात कही है।’

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