अभिषेक
मिश्रा, लखनऊ। समाजवादी पार्टी में मचा घमासान अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। ये
वहीं समाजवादी पार्टी है, जो राममनोहर लोहिया के आदर्शों पर चलने का दावा करती है।
लोहिया ने हमेशा ही परिवारवाद का विरोध किया। लेकिन यह सपा है जहां एक तरफ परिवार
की लड़ाई सड़क पर आ चुकी है वहीं अपने परिवार को टिकट देने का दौर जारी है। जहां
अखिलेश यादव अपने सौतेले भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव का टिकट लखनऊ कैंट
से काटते हैं तो वहीं अपने चचेरे भाई अंशुल यादव को इटावा से टिकट देने के लिए
हामी भरते हैं। वहीं मुलायम अपनी बहू को कैंट से टिकट देते हैं।
सपा
में मुलायम सिंह और उनके परिवार का दबदबा बरकरार है। लोकसभा में परिवार के लिए
पांच सदस्य हैं। जहां तक बात विधानसभा सदस्यों की हैं तो करीब आधा दर्जन से ज्यादा
लोग रिश्तेदारी के हैं। साधना गुप्ता की बहन मधु गुप्ता विधान परिषद की सदस्य हैं।
आने वाले समय में इस परिवार से विधानसभा चुनाव वालों की संख्या डेढ़ दर्जन से
ज्यादा होने वाली है। अब सपा मुखिया मुलायम सिंह के भाई राजपाल यादव के पुत्र
अभिषेक यादव उर्फ अंशुल भी ताल ठोकने की तैयारी में हैं। वह मैनपुरी के करहल
विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं।
अखिलेश यादव को उनके चुनाव लड़ने में कोई
परेशानी नहीं है। इस सीट पर सोबरन सिंह विधायक हैं जो मुलायम व शिवपाल के समर्थक
माने जाते हैं। हालांकि मुलायम खेमे ने इस सीट पर अभी उम्मीदवार तय नहीं किया है। फिलहाल अंशुल
इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने लखनऊ
बुलाकर करहल विधानसभा से तैयारी करने को कहा है।
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